सदन का हंगामा सड़क पर लाया विपक्ष: राहुल बोले- राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया, शिवसेना ने कहा- लगता है कि पाकिस्तान बॉर्डर पर हों
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नई दिल्लीएक मिनट पहले
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संसद शुरू होने के बाद से राहुल गांधी विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। वे समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ कई मीटिंग भी कर चुके हैं।
मानसून सत्र खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। पूरे मानसून सत्र के दौरान पेगासस, किसान जैसे मुद्दों पर लगातार हंगामा कर रहे विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया। राहुल के अलावा शिवसेना, राकांपा, राजद, समाजवादी पार्टी, DMK व अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि राज्यसभा में बुधवार को लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।
सरकार पर विपक्षी दलों का आरोप- बिल सांसदों ने नहीं, मार्शल लॉ ने पास किया
कांग्रेस: राहुल गांधी ने कहा- मानसून सत्र खत्म हो गया है। हमने पेगासस का मुद्दा उठाया। सरकार से कहा कि इस पर बहस की जाए, पर सरकार ने डिबेट से मना कर दिया। हमें संसद में नहीं बोलने दिया गया। देश के 60% लोगों की आवाज नहीं सुनी गई। संसद में हमें नहीं सुना गया इसलिए हम लोग यहां आए हैं। राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। उनसे धक्का-मुक्की की गई। प्रधानमंत्री मोदी देश और देश की आत्मा को बेच रहे हैं।
राकांपा: प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि संसद का सत्र शर्मनाक रहा है। शरद पवारजी ने राज्यसभा की प्रोसीडिंग पर टिप्पणी की है और कहा है कि उन्होंने अपने संसदीय जीवन में इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को कभी नहीं देखा है।
समाजवादी पार्टी: विशंभर निषाद ने कहा कि जिस तरह संसद में मार्शल लगाए गए, हमारी महिला सांसदों से धक्का-मुक्की की गई। विपक्ष पेगासस, किसान बिल और महंगाई पर चर्चा चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया।
राजद: मनोज झा ने कहा कि हम यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि संसद में नहीं बोलने दिया गया। इंश्योरेंस बिल संसद ने नहीं पास किया, मार्शल लॉ ने पास किया है। हम बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन विपक्ष की आवाज को दबाया गया।
DMK: सरकार जबरन इंश्योरेंस बिल पास कराना चाह रही थी। संसद की ऐसी तस्वीर कभी नहीं देखी। हमारी महिला सांसदों को घसीटा गया।
2 दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हुई कार्रवाई
लोकसभा और राज्यसभा में लगातार हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 13 अगस्त की बजाय 11 अगस्त को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में 28% और लोकसभा में 22% कामकाज हुआ। लोकसभा में 96 घंटे में से 74 घंटे बर्बाद हो गए।
नायडू सांसदों के बर्ताव से दुखी हुए, भावुक बयान दिया
मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह टेबल पर चढ़ गए थे। यही नहीं, बाजवा ने रूल बुक चेयर पर फेंक दी थी। हालांकि यह सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद हुआ। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की बेअदबी होने से वे रातभर सो नहीं पाए।
संसद चलाने को लेकर मोदी, शाह और सोनिया मिले
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाई। बिड़ला के कक्ष में हुई इस बैठक का मकसद संसद चलाने के मुद्दे पर एक राय बनाना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद रहे। बिड़ला ने कहा था कि जिस ढंग से कुछ सांसदों ने व्यवहार किया, वह ठीक नहीं था। संसद की मर्यादा बनी रहनी चाहिए। इस बारे में सभी पार्टियों को सोचना चाहिए।
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