संक्रमण रोकने की जद्दोजहद: निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी, कर्नाटक ने केरल से आने वालों को लौटाया; केरल में संक्रमण दर 10% से अधिक, इसलिए पड़ोसी राज्यों में सख्ती
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- There Was No Negative Report, Karnataka Returned Those Coming From Kerala; Infection Rate In Kerala More Than 10%, Hence Strictness In Neighboring States
मेंगलुरू21 मिनट पहले
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कर्नाटक के तलापड्डी में प्रवेश के लिए लगी केरल के लाेगों की लाइन।
राज्यों के बीच कोरोना का प्रसार रोकने की जद्दोजहद हो रही है। केरल में कोरोना की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने अपनी सीमा पर सख्ती शुरू कर दी है। कर्नाटक ने तलापड्डी में केरल से आने वाले ऐसे हजारों लोगों को सिर्फ इसलिए लौटा दिया, क्योंकि उनके पास आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी।
वहीं, केरल के लोगों का कहना है कि केरल के कासरगोड में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो रोजगार के लिए मेंगलुरु आते हैं, ऐसे हालात में उनके लिए परेशानी होगी। लोगों का कहना है कि पूर्व की तरह स्थानीय प्रशासन सीमा पर ही जांच करने की व्यवस्था करे। दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर केवी राजेंद्रन ने बताया कि केरल से मेंगलोर विश्वविद्यालय में परीक्षा देने के लिए आने वाले छात्रों के लिए कोई रोक नहीं है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट की चिंता; झारखंड ने रेलवे से मांगा केरल, महाराष्ट्र, मप्र से आने वाले यात्रियों का ब्योरा
रांची| देश में दूसरी लहर का प्रमुख कारण कोरोना का डेल्टा वैरिएंट माना जा रहा था। वहीं, विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर का मुख्य कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट हो सकता है। ऐसे में झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे को पत्र भेजकर केरल, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आने वाले ट्रेन यात्रियों का ब्याेरा मांगने की पहल शुरू की है। सभी डीआरएम को इस संबंध में सूचित किया जाएगा।
विभाग ने यह भी कहा है कि तीनों राज्यों से आने वाली ट्रेनों का ठहराव झारखंड के जिन स्टेशनों पर है, वहां उतरने वाले यात्रियों का ब्योरा लेकर उनकी जांच की जाएगी। साथ ही राज्य के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि तीनों राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच कराई जाए।
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