शिवसेना सांसद को याद आया बंटवारे का दर्द: संजय राउत ने कहा- अगर गोडसे ने गांधी की जगह जिन्ना को मारा होता तो बंटवारा नहीं होता

शिवसेना सांसद को याद आया बंटवारे का दर्द: संजय राउत ने कहा- अगर गोडसे ने गांधी की जगह जिन्ना को मारा होता तो बंटवारा नहीं होता

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मुंबई12 मिनट पहले

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शिवसेना सांसद को याद आया बंटवारे का दर्द: संजय राउत ने कहा- अगर गोडसे ने गांधी की जगह जिन्ना को मारा होता तो बंटवारा नहीं होता

महाराष्ट्र में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि अगर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जगह मुहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो देश का बंटवारा रोका जा सकता था। अगर ऐसा होता तो 14 अगस्त को बंटवारा स्मृति दिवस मनाने की जरूरत भी नहीं पड़ती।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोखठोक’ में संजय राउत ने लिखा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति भारत के बंटवारे के समय जैसी है। वहां के हालात याद दिला रहे हैं कि किसी देश का अस्तित्व और संप्रभुता खत्म होने का दर्द कैसा होता है।

बंटवारे का दर्द बातों से कम नहीं होगा
उन्होंने लिखा कि जब तक बंटवारे से अलग हुआ भाग वापस देश में शामिल नहीं हो जाता, तब तक बंटवारे का दर्द कैसे कम हो सकता है। मन को शांति कैसे मिल सकती है। दरअसल, इस साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को पार्टिशन हॉरर्स रिमेंबरेंस डे घोषित किया है।

अखण्ड भारत बनना मुमकिन नहीं लगता
उन्होंने कहा कि हमें लगता है “अखण्ड भारत’ बनना चाहिए, लेकिन यह मुमकिन नहीं लगता। हालांकि हमारी उम्मीद बनी रहेगी। अगर पीएम मोदी अखण्ड भारत चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन उन्हें बताना पड़ेगा कि वे पाकिस्तान के 11 करोड़ मुस्लिमों के बारे में क्या करेंगे।

अखण्ड भारत की वकालत करने वालों ने मुस्लिम लीग और टू-नेशन थ्योरी का आइडिया मान लिया है और उसके खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी है। महात्मा गांधी पॉलिटिक्स में सक्रिय नहीं थे, जब अंग्रेजों ने मुस्लिमों को अलग मतदाताओं के तौर पर पेश किया। जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के बाद मुस्लिमों को अलग मतदाता मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा ह जब गांधी ने मुस्लिम नेताओं के गलत मांगे नहीं मानी तो कई नेता कांग्रेस छोड़ गए थे।

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