वैक्सीन यानी जिंदगी का भरोसा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पहला डोज लेने पर मौत का खतरा 82%, दूसरे डोज से 95% तक कम हुआ

वैक्सीन यानी जिंदगी का भरोसा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पहला डोज लेने पर मौत का खतरा 82%, दूसरे डोज से 95% तक कम हुआ

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

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वैक्सीन यानी जिंदगी का भरोसा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पहला डोज लेने पर मौत का खतरा 82%, दूसरे डोज से 95% तक कम हुआ

शुक्रवार को अजमेर के वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए कतार में खड़े लोग।

देश में कोरोना की स्थिति लगातार सुधर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश में कोविड वैक्सीनेशन की 39.4 करोड़ डोज का आंकड़ा पार हाे गया है। पहली डोज में 31.6 करोड़ वैक्सीन लगाई गईं, वहीं दूसरी डोज में 7.92 करोड़ वैक्सीन लगीं। दूसरी लहर के दौरान वैक्सीनेशन की वजह से डेथ रेट कम करने में मदद मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक 10 मई को कोरोना के सक्रिय मामले लगभग 37 लाख थे, जो अब घटकर तकरीबन 4,30,000 रह गए हैं।

बढ़ा है रिकवरी रेट
लव अग्रवाल ने बताया कि 12 मई को कोरोना से रिकवरी को रेट 83% था जो अब बढ़कर 97.3% हो गया है। मई के पहले हफ्ते में 531 जिलों में रोजाना 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे थे। अब देश में ऐसे सिर्फ 73 जिले रह गए हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना लगभग 18 लाख टेस्ट भी कराए जा रहे हैं।

वैक्सीनेशन से कम हुई मृत्यु दर
नीति आयोग के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि काेरोना वायरस की दूसरी लहर के दाैरान वैक्सीन की पहली डोज से मृत्यु दर में 82% तक कमी आई, वहीं दूसरी डोज से 95% मौतों को रोका जा सका।

लोगों से की मास्क न हटाने की अपील
लव अग्रवाल ने कहा कि कई अध्ययनों में यह सामने आया है जैसे-जैसे लोग अपने कामों की तरफ लौट रहे हैं, वे मास्क का कम इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि फेस-मास्क को अब जीवन का सामान्य अंग मान लिया जाए।

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