लद्दाख पहुंचे आर्मी चीफ: LAC पर चीनी हरकतों के बीच जनरल नरवणे ने फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया, सेना की तैयारियों का लिया जायजा
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लद्दाख2 घंटे पहले
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चीन से तनातनी के बीच आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे शुक्रवार को दो दिन के दौरे पर लद्दाख पहुंचे। सेना प्रमुख ने पहले दिन इस्टर्न लद्दाख के फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सेना की तैयारियों और सुरक्षा हालात का जायजा लिया।
इससे पहले गुरुवार को एक कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने कहा था कि भारत और चीन के बीच सीमा पर घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक कि दोनों देशों के बीच सीमा समझौता नहीं हो जाता। बता दें कि लद्दाख में चीन के साथ पिछले साल मई से तनातनी जारी है, जिसका अबतक कोई स्थाई समाधान नहीं निकला है।
सेना प्रमुख ने शहीदों के स्मारक पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
चीन की हरकत का जवाब देने को तैयार भारत
इससे पहले बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने भारतीय सेना पर आरोप लगाया था कि वो गैर कानूनी तरीके से चीन की जमीन पर कब्जा कर रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के दावे और आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि चीन सरहद पर हर तरह की तैनाती बढ़ा रहा है, लेकिन भारत इस पर पैनी नजर रख रहा है। हम हर परिस्थिति का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
भड़काने वाली हरकत कर रहा चीन
चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर न सिर्फ सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है, बल्कि यहां हथियारों का जखीरा भी जुटा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने साफ कर दिया कि भारत भी चीन की हरकतों पर पैनी नजर बनाए हुए है और देश की सुरक्षा के लिए तैयारी पूरी की गई है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बागची ने कहा- चीन उकसाने वाली हरकतें करके LAC में बदलाव की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत भी अपनी सरहदों की हिफाजत करना जानता है और हम अपने हर हित की सुरक्षा के लिए तैयार हैं।
जनरल नरवणे ने सैन्य अधिकारियों से सुरक्षा हालात का जायजा लिया है।
चीन को जवाब देने की तैयारी
एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा- हमने LAC पर जो भी तैनाती की है वो चीन की तैयारियों के जवाब में है। अगर उस तरफ से कोई भी हरकत होती है तो भारत को पूरा हक है कि वो इसका जवाब दे। हम चाहते हैं चीन लद्दाख में पहले से अनसुलझे मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाए।
बागची ने कहा- इसी महीने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में हमारे विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कहा था कि दोनों देशों को अनसुलझे मुद्दों के हल के लिए बातचीत करनी चाहिए। इसके लिए पहले किए जा चुके समझौतों और प्रोटोकॉल्स को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
चीन पर बोले जयशंकर
गुरुवार शाम एक समिट के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन और अमेरिका से संबंधों को लेकर भारत का पक्ष रखा। अमेरिका और हिंद-प्रशांत महासागर में हालात पर विदेश मंत्री ने कहा- दक्षिण एशिया में हमने (अमेरिका और भारत) पहले साथ काम नहीं किया था, लेकिन अब तेजी से हालात बदले हैं। इसलिए क्वॉड प्लेटफॉर्म बहुत जरूरी हो गया था। अब तो अफगानिस्तान का मसला भी है।
एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा- क्वॉड सैन्य मकसद के लिए नहीं है और न ही हमने इसे किसी के खिलाफ बनाया है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं, इस बारे में सतर्क रहना चाहिए। चीन इस क्षेत्र का बड़ा और प्रभावशाली देश है। इकोनॉमी के लिहाज से भी वो दुनिया के लिए अहम है। हर देश की अलग चुनौतियां होती हैं। हम भी अपने हित देख रहे हैं।
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