लड़कियों की शादी की उम्र 21 करने के खिलाफ नेताजी: UP के सांसद बोले- आवारा हो जाएंगी, झारखंड के मंत्री बोले- 18 से भी कम हो
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नई दिल्ली3 मिनट पहले
देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने सभी धर्म और वर्ग की लड़कियों की उम्र लड़कों के बराबर करने का फैसला किया है। इसके विरोध में उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी के सांसद और झारखंड सरकार में मंत्री ने बयान दिया है।
यूपी से सपा के सांसद बोले- आवारगी करेंगी लड़कियां
वहीं, SP से संभल सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई गई तो वह आवारगी करेंगीं। डॉ. बर्क ने कहा कि जल्दी शादी हो जाने से लड़कियां तमाम तरह के बुरे हालात से बच जाती हैं। वह संसद में लड़कियों की न्यूनतम उम्र बढ़ाने के बिल का पुरजोर विरोध करेंगे। डॉ. बर्क अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।
झारखंड सरकार में मंत्री बोले-
लड़कियों की शादी की उम्र 18 से कम होनी चाहिए झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाफिजुल हसन का कहना है कि सरकार को उम्र बढ़ाने के बजाय लड़कियों के लिए शादी की उम्र कम करनी चाहिए। आजकल लड़कियों की ग्रोथ को देखते हुए इसे घटाकर 16 साल कर दिया जाना चाहिए, अगर नहीं तो इसे 18 साल ही रहने दें। मंत्री के इस बयान का BJP ने विरोध किया है।
विपक्षी पार्टी ने किया हसन के बयान का विरोध
उधर बीजेपी ने झारखंड सरकार में मंत्री हाफिजुल हसन के बयान का विरोध किया है। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक और बोकारो से विधायक विरंची नारायण ने कहा कि एक मंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। वे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं।
एक चौथाई लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में
देश में 23.3% लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 27% है। यानी हर 4 में से एक लड़की का विवाह 18 साल से कम उम्र में होता है। हाल में आए राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण (NHFS)-5 के नतीजे बताते हैं कि झारखंड में 36.1% लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है।
बिहार-बंगाल में हालात और खराब
इस मामले में झारखंड अपने पड़ोसी बिहार और बंगाल से बेहतर हैं। NFHS-5 के आंकड़ों पर गौर करें तो पश्चिम बंगाल में 48.1, बिहार में 43.4 और झारखंड में 36.1% लड़कियां 18 साल की उम्र से पहले ब्याही जा रही हैं। कई राज्यों में ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों की कम उम्र में शादी का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
PM मोदी ने किया था लाल किले से ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण में इसका ऐलान किया था। PM ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा था कि सरकार बेटियों और बहनों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा से चिंतित रही है। बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए ये जरूरी है कि उनकी शादी सही उम्र में हो। अभी देश में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 और लड़कों की 21 साल है।
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