लखबीर के शव का तरनतारन आने पर विरोध: पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों ने कहा- जिस पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का आरोप, गांव में नहीं होने देंगे उसका संस्कार
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हरदयाल सिंह/तरनतारन4 मिनट पहले
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गांव चीमा की पंचायत के सदस्य व गांव के लोग।
सिंघु बॉर्डर पर निहंगों की बर्बरता का शिकार हुए लखबीर सिंह के शव का तरनतारन जिले में स्थित उसके गांव चीमा में पहुंचने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। ग्रामीणों के साथ पंचायत सदस्यों ने कहा कि जिस पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का आरोप लगा है उसका अंतिम संस्कार गांव में नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि शुक्रवार अलसुबह हरियाणा-दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर लखबीर की हाथ व टांग काटकर हत्या कर दी थी।
किसान आंदोलन स्थल पर जिस अमानवीय और बर्बर तरीके से लखबीर को मारा गया उसका सभी ने विरोध किया था। लखबीर पर आरोप थे कि उसने सिख धर्म के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है। इस बात को लेकर गांव के लोगों और पंचायत सदस्यों ने ऐलान किया है कि लखबीर का शव जब भी गांव में आएगा, विरोध करेंगे।
प्रशासन जबरदस्ती करेगा तो करेंगे पुरजोर विरोध
पंचायत सदस्य सतनाम सिंह, सर्बजीत सिंह, समाज सेवक आशीष पाल सिंह चीमा, गुरदयाल सिंह, कंवलजीत सिंह, राजिंदर सिंह, रतन सिंह, जसपाल सिंह और सुखवंत सिंह ने विरोध जताते हुआ कहा कि वह नहीं चाहते कि शव गांव में आए। वह न ही लखबीर का दाह-संस्कार गांव में होने देंगे। प्रशासन यदि जबरदस्ती करने का प्रयास करेगा तो इसका पुरजोर विरोध करेंगे। सभी ने सामूहिक रूप से कहा कि लखबीर पर जो आरोप लगे हैं, वे शर्मसार करने वाले हैं। उसने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की है। वहीं पंचायत सदस्यों ने कहा कि इस बात की भी संभावना है कि उससे यह घटना किसी ने करवाई हो।
लखबीर को तो दूसरे के गांवों का भी नहीं पता था
पंचायत सदस्य सतनाम सिंह ने बताया कि लखबीर ऐसा इंसान था, जिसे तरनतारन के अन्य गांवों का भी नहीं पता था। उसको मोहरा बनाकर सियासत खेली गई है। अगर उसने बेअदबी करनी ही होती तो वह गांव में ही बने गुरुद्वारा साहिब में भी कर सकता था।
तरनतारन के गांव चीमा में स्थित घर, जहां लखबीर रहता था।
हरियाणा से शव गांव के लिए निकला
उधर, सिंघु बार्डर पर मारे गए लखबीर का शव सोनीपत के नागरिक अस्पताल की मोर्चरी से गांव चीमा के लिए निकल चुका है। देर दोपहर शव के गांव चीमा पहुंचने की उम्मीद है। अगर अब पंचायत सदस्य और ग्रामीण उसके शव का विरोध करते हैं तो गांव में विवाद बढ़ने की आशंका है।
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