रुपाणी के इस्तीफे में छिपी BJP की बेचैनी: गुजरात में पिछले तीन चुनाव से दरक रही भाजपा की जमीन; जानिए एंटी इंकम्बेंसी पार्टी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत

रुपाणी के इस्तीफे में छिपी BJP की बेचैनी: गुजरात में पिछले तीन चुनाव से दरक रही भाजपा की जमीन; जानिए एंटी इंकम्बेंसी पार्टी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत

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19 मिनट पहले

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रुपाणी के इस्तीफे में छिपी BJP की बेचैनी: गुजरात में पिछले तीन चुनाव से दरक रही भाजपा की जमीन; जानिए एंटी इंकम्बेंसी पार्टी के लिए कितनी बड़ी मुसीबत

गुजरात में अगले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया है। इसी पैटर्न पर 2017 चुनाव से पहले मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने भी इस्तीफा दे दिया था। चुनावी पंडितों का मानना है कि CM बदलकर BJP एंटी इंकम्बेंसी के असर को कम करने की कोशिश करती है। हमने पिछले तीन विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखा तो विजय रुपाणी के इस्तीफे की वजह और साफ हो जाती है।

पिछले तीन चुनाव में BJP की सीटें लगातार कम हो रही हैं और कांग्रेस बढ़त हासिल कर रही है। 2007 में BJP ने 117 सीटें जीती थीं, जो 2017 के चुनाव में घटकर 99 बचीं। वहीं, कांग्रेस ने 2007 के चुनाव में 59 सीटें जीती थी, जो 2017 के चुनाव में बढ़कर 77 हो गईं।

दिसंबर 2022 में गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव होने हैं। बहुमत का आंकड़ा 92 है और BJP के पास फिलहाल 99 सीटें हैं। पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर 5 हजार से कम वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। अगर इस बार एंटी इंकम्बेंसी की वजह से BJP की 16 सीटें भी कम हो जाती हैं तो उनकी संख्या 83 बचेगी।

इसी तरह 32 ऐसी सीटें ऐसी हैं, जहां तीसरे नंबर वाले प्रत्याशी को मिले वोट जीत-हार के अंतर से ज्यादा हैं। ऐसी 18 सीटों पर BJP जीती है। ऐसे में 18 सीटें भी कम होती हैं तो पार्टी का आंकड़ा 81 सीटें बचेगा। ऐसे में BJP बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाएगी और गुजरात में बना पार्टी का किला ढह सकता है।

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