राह हुई तेज व आसान: फ्रेट कॉरिडोर; जहां राजधानी सुपरफास्ट जैसी स्पीड से दौड़ रही हैं अब मालगािड़यां

राह हुई तेज व आसान: फ्रेट कॉरिडोर; जहां राजधानी सुपरफास्ट जैसी स्पीड से दौड़ रही हैं अब मालगािड़यां

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वेस्टर्न कॉरिडोर से लाइव34 मिनट पहलेलेखक: सुनील सिंह बघेल

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राह हुई तेज व आसान: फ्रेट कॉरिडोर; जहां राजधानी सुपरफास्ट जैसी स्पीड से दौड़ रही हैं अब मालगािड़यां

95 हजार करोड़ की लागत से बन रहा 3200 किमी लंबा डीएफसी​​​​​​​ बना है।

क्या आप इस बात पर भरोसा कर पाएंगे कि किसी स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस और मालगाड़ी एक साथ चले, लेकिन गंतव्य का सफर मालगाड़ी पहले पूरा करे। वह भी तब जब आंकड़े बता रहे हो कि 150 साल से ज्यादा पुरानी भारतीय रेल अपनी यात्री गाड़ियों में 56, तो माल गाड़ियों मे सिर्फ 24 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति ही हासिल कर पाई हो। लेकिन यह चमत्कार शुरू हो चुका है।

जहां सुपर फास्ट राजधानी की औसत गति 75 किमी हो उसी रेलवे की माल गाड़ियां अब 99 किमी प्रति घंटा की गति भी हासिल कर रही हैं। जिस स्टेशन के लिए सुपरफास्ट ट्रेन 10 से 12 घंटे का समय ले रही हैं, वह सफर मालगाड़ी 9 से 10 घंटे में पूरा कर रही है। यह इतिहास रचा जा रहा है 95 हजार करोड़ की लागत से बन रहे 3200 किमी के ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर (डीएफसी) की पटरियों पर। अब तक 75 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। 21 हजार करोड़ तो सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च हुआ है।

क्या है डीएफसी

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानी लगभग पुराने ट्रैक के समानांतर एक ऐसा नया ट्रैक, जिस पर सिर्फ माल गाड़ियां ही चलेंगी। डीएफसी के 1000 किमी हिस्से पर माल ढुलाई शुरू भी हो चुकी है।

कहां से कहां तक

वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

  • रेवाड़ी से मुंबई पोर्ट (1500 किमी लंबाई)
  • रेवाड़ी-पालनपुर तक 650 किमी पर यातायात शुरू

ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

  • लुधियाना से हावड़ा (1800 किमी लंबाई)
  • खुर्जा-भाऊपुर तक 350 किमी पर यातायात शुरू

​​​​​​​देश के सबसे ताकतवर 12 हजार हॉर्स-पावर का ‘राफेल’ इंजन

पश्चिमी कॉरिडोर पर जयपुर के पास न्यू फुलेरा स्टेशन से दिल्ली की तरफ चले ही थे की थोड़ी देर में ही स्पीड 90 चुकी है। लोको पायलट कहते हैं ,देखिए कितना ताकतवर है हमारा राफेल… दो डबल डेकर माल गाड़ियां यानी रेलवे की 4 मालगाड़ी के बराबर लोड कर कैसा दौड़ रहा है..। वे बताते हैं ‘राफेल’ तो हम लोगों का दिया निकनेम है।

यह हमारे देश में ही बना,12 हजार हॉर्स-पावर का देश का सबसे सबसे ताकतवर इंजन है। बातों बातों में करीब ढाई घंटे में हम अटेली पहुंच गए हैं। हमने साढे 450 किमी का सफर 5:30 से 6 घंटे में पूरा किया। सामान्य रेलवे ट्रैक पर इसी सफर को तय करने में 10 से 15 घंटे लगते हैं।

दिल्ली-मुंबई को जोड़ने वाले वेस्टर्न कॉरिडाेर के 1500 किमी पर 148 लेवल क्रॉसिंग खत्म किए हैं। 285 छोटे बड़े पुल, चार रेलवे फ्लाईओवर और 200 अंडर और ओवर ब्रिज बना चुके हैं।-रविंद्र जैन, एमडी डीएफसीसीआईएल

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