रामभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी: अयोध्या में बन रहे मंदिर में दिसंबर 2023 से कर सकेंगे रामलला के दर्शन, मंदिर के बाकी काम 2025 तक पूरे किए जाएंगे
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लखनऊ22 मिनट पहले
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रामभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर में श्रद्धालु दिसंबर 2023 से रामलला के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि रामलला 2023 तक गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। रामलला के विराजते ही मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। हालांकि, मंदिर से जुड़े बाकी काम 2025 तक पूरे होंगे।
मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि गणेशोत्सव के दौरान मंदिर की नींव का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगले चरण का काम शुरू होगा। 2023 में दिसंबर महीने से पहले रामलला का गर्भगृह बनकर तैयार हो जाएगा। जुलाई में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने उस समय भी कहा था कि 2023 के आखिर तक लोग राम मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी 29 बार अयोध्या आए
5 अगस्त को राम मंदिर के शिलापूजन का एक साल पूरा हो रहा है। इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे रामलला के दरबार में विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे। दोपहर 2.15 बजे योगी रामलला के दर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ 50 महीने में 29 बार अयोध्या पहुंचे हैं।
योगी आदित्यनाथ अयोध्या के वासुदेव घाट पर दोपहर 12:15 बजे अन्न योजना की शुरुआत करेंगे। वे यहां दो घंटे तक रुकेंगेl कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों को संबोधित कर सकते हैं। योगी अयोध्या से दोपहर 3 बजे रवाना होंगे।
रामलला को चांदी के झूले पर बैठाने की तैयारी
अयोध्या में संत भूमिपूजन की सालगिरह को दीपावली जैसा उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैंl श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सावन में रामलला को चांदी के सिंहासन पर बैठाने की तैयारी कर रहा हैl 500 साल बाद रामलला के लिए चांदी का झूला बनवा रहे ट्रस्ट ने सिंहासन की नापतौल भी करा ली हैl
राममंदिर के लिए रामादल सोने की चौखट देगा
रामादल ट्रस्ट ने अपना रामलला के मंदिर में सोने की चौखट देने की घोषणा की है। ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्किराम ने कहा कि भूमि पूजन के बाद उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सोने की चौखट देने का संकल्प पत्र सौंपा था। अब मंदिर का मॉडल बदलने के बाद अपना रामलला ने एक बार फिर मंदिर की चौखट की माप मांगी है।
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