राफेल की फ्लीट को 2022 से अपग्रेड करेगी IAF: सीमा की निगरानी होगी मजबूत, एडवांस मिसाइल्स और सैटेलाइट कम्युनिकेशन से लैस किया जाएगा
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13 मिनट पहले
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इंडियन एयरफोर्स अगले साल जनवरी से राफेल की फ्लीट को अपग्रेड करने जा रही है। भारत की जरुरतों के हिसाब से किए जा रहे इस अपग्रेड से एयरफोर्स को मजबूती मिलेगी। भारत की तरफ से राफेल में हाईली कैपेबल मिसाइल, लो बैंड जैमर और सैटेलाइट कम्युनिकेशन की मांग की गई है।
एयरफोर्स की तरफ से रिक्वायरमेंट को मंजूरी मिलने के बाद जनवरी में अपग्रेड की शुरुआत होगी। भारत को फ्रांस की तरफ से कुल 30 राफेल विमान सौंपे जा चुके हैं। इनमें से 3 और विमान दिसंबर के दूसरे हफ्ते में भारत पहुंचेंगे।
रिक्वायरमेंट के मुताबिक अपग्रेड हो रहा राफेल
राफेल को 2016 की डील के तहत सभी रिक्वायरमेंट से लैस किया गया है। डील के मुताबिक, अपग्रेड करने वाली किट फ्रांस से भारत लाई जाएगी और हर महीने तीन से चार राफेल विमानों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक अपग्रेड किया जाएगा। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, एयरफोर्स के अधिकारियों की हाई लेवल टीम राफेल विमानों के परफार्मेंस की जांच के लिए फ्रांस पहुंची है। फ्रांस के आइस्ट्रेस एयरबेस पर मौजूद इन विमानों का टेल नंबर RB-008 है।
फ्रांस से भारत आने वाला आखिरी विमान RB-008 होगा। इसका नाम एयरफोर्स के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (रिटायर्ड) के नाम पर रखा गया है। चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस के साथ करीब 60 हजार करोड़ रुपए की डील पर साइन किया था। उस समय उप प्रमुख रहे भदौरिया ने फ्रांस के साथ सरकार के साथ हुई डील में अहम भूमिका निभाई थी।
अंबाला से होगी अपग्रेड की शुरुआत
देश में पहली बार राफेल को अंबाला स्टेशन पर लाया गया था।
अपग्रेड की शुरुआत सबसे पहले अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से की जाएगी। देश में पहली बार राफेल को इसी स्टेशन पर लाया गया था। फ्रांस में इन विमानों को उड़ाने की ट्रेनिंग लेने के बाद इंडियन एयरफोर्स अपने पॉयलट्स को भारत में ट्रेन कर रही है। फ्लीट में पूरी तरह शामिल हो जाने के बाद एयरफोर्स के पास 28 सिंगल सीटर सहित 8 ट्विन सीटर ट्रेनर विमान हो जाएंगे। इन 36 विमानों का टेल नंबर RB सीरीज से शुरु होगा।
पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ के सम्मान में राफेल को BS टेल नंबर दिया गया है। चीफ मार्शल धनोआ 26 फरवरी 2019 के बालाकोट हवाई हमले का नेतृत्व करने के बाद 2019 में रिटॉयर हुए थे। भारत 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है। एयरफोर्स की तरफ से इस बात का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा।
60 हजार करोड़ रुपए की डील
राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन का ठिकाना पश्चिम बंगाल में हासिमारा एयरबेस पर होगा। राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन पर है। भारत ने 2016 में 60 हजार करोड़ में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ सौदा किया था। पहली स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी। दूसरी स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी।
परमाणु हमला करने में सक्षम है राफेल
- राफेल डीएच (टू-सीटर) और राफेल ईएच (सिंगल सीटर), दोनों ही ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जनरेशन का फाइटर है।
- ये न सिर्फ फुर्तीला है, बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है।
- इस फाइटर जेट को रडार क्रॉस-सेक्शन और इन्फ्रा-रेड सिग्नेचर के साथ डिजाइन किया गया है। इसमें ग्लास कॉकपिट है।
- इसमें एक कम्प्यूटर सिस्टम भी है, जो पायलट को कमांड और कंट्रोल करने में मदद करता है।
- इसमें ताकतवर एम 88 इंजन लगा हुआ है। राफेल में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट भी है।
- इसमें लगा रडार, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन सिस्टम और सेल्फ प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की लागत पूरे विमान की कुल कीमत का 30% है।
- इस जेट में आरबीई 2 एए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार लगा है, जो लो-ऑब्जर्वेशन टारगेट को पहचानने में मदद करता है।
- राफेल सिंथेटिक अपरचर रडार (SAR) भी है, जो आसानी से जाम नहीं हो सकता। जबकि, इसमें लगा स्पेक्ट्रा लंबी दूरी के टारगेट को भी पहचान सकता है।
- किसी भी खतरे की आशंका की स्थिति में इसमें लगा रडार वॉर्निंग रिसीवर, लेजर वॉर्निंग और मिसाइल एप्रोच वॉर्निंग अलर्ट हो जाता है और रडार को जाम करने से बचाता है।
- राफेल का रडार सिस्टम 100 किमी के दायरे में भी टारगेट को डिटेक्ट कर लेता है।
- राफेल में आधुनिक हथियार भी हैं। जैसे- इसमें 125 राउंड के साथ 30 एमएम की कैनन है। ये एक बार में साढ़े 9 हजार किलो का सामान ले जा सकता है।
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