राजस्थान हादसे में बचने वाले की आपबीती: सामने से ट्रक आ रहा था, अचानक टक्कर लगी और बच्चे के साथ उछलकर बाहर जा गिरा; फिर एक-एक कर लाशें निकलती गईं
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बीकानेर13 घंटे पहले
नागौर के श्रीबालाजी में मंगलवार सुबह हुए सड़क हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई। घायलों को बीकानेर के PBM अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस बीच अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में गोपाल नाम का शख्स इधर से उधर बदहवास घूमता रहा। वह कभी गाड़ी के ड्राइवर संतोष को संभालता तो कभी संतोष के बेटे सुमित को। वह एक बच्ची को भी सम्भाल रहा था, जो बेहोश थी। बच्ची बार-बार अपना ऑक्सीजन मास्क हटा रही थी।
दैनिक भास्कर से बातचीत में गोपाल ने बताया कि हम रात को सफर करके आए थे। सुबह हमने एक जगह आराम किया। वहां से निकले तो कुछ ही देर में सामने से ट्रक आ गया। मैं पीछे बैठा था, सोचा संतोष निकाल लेगा। अचानक जोर से टक्कर लगी। संतोष के किनारे वाला हिस्सा ट्रक के बीच में जा धंसा। मैं सबसे पीछे बैठा था। उछलकर बाहर आ गिरा। मेरे पास ही संतोष का बेटा सुमित भी था। हम दोनों बाहर गिर गए। उठा तो देखा कई लोग अंदर फंसे हुए थे। मैं लोगों को निकालने में लगा, लेकिन कोई बाहर निकला ही नहीं। कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं। इसके बाद कुछ लोग आए। मेरे सिर से भी खून बह रहा था। एक-एक कर लाशें बाहर निकलती रहीं।
एक ही गांव से हैं, तीर्थ कर रहे थे
गोपाल ने बताया कि वह अक्सर इस तरफ आता रहता है। द्वारकाधीश, करणी माताजी, रामदेवरा के दर्शन करवाता है। गांव वालों ने पिछले दिनों जाने की इच्छा जताई तो हम इन्हें ले आए। रामदेवरा के दर्शन कर लिए थे। अभी पुष्कर जा रहे थे। सुबह एक जगह आराम किया, फिर रवाना हुए। घायलों में अधिकतर सज्जनखेड़ा के हैं, कुछ सवारी उज्जैन से मिल गई थी। सभी लोग सज्जनखेड़ा के अलग-अलग परिवार से हैं।
अस्पताल में भर्ती घायल बच्ची।
ड्राइवर संतोष का इलाज जारी
गाड़ी के ड्राइवर संतोष के सिर और आंख के पास चोट आई है। उसके मुंह पर कई जगह कांच चुभ गए हैं। इन्हें ट्रॉमा सेंटर के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने निकाला। उधर, बच्ची सुमन की हालत गंभीर है। वह बार-बार अपना ऑक्सीजन मास्क हटा रही है। पास के रोगी और उनके परिजन ही उसका ख्याल रख रहे हैं।
ड्राइवर संतोष का बेटा सुमित महज 5 साल का है। वह ट्रॉमा सेंटर में बेहोश पड़ा है। उसके पास एक महिला भी ऐसी ही हालत में है। उधर, उज्जैन से कुछ लोग अस्पताल में लगातार संपर्क कर रहे हैं। ट्रॉमा सेंटर के कर्मचारी लगातार उन्हें अपडेट दे रहे हैं।
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