राजस्थान में कांपी धरती: बीकानेर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई तीव्रता; मेघालय और लद्दाख में भी कांपी धरती

राजस्थान में कांपी धरती: बीकानेर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई तीव्रता; मेघालय और लद्दाख में भी कांपी धरती

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जयपुर20 मिनट पहले

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राजस्थान में कांपी धरती: बीकानेर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई तीव्रता; मेघालय और लद्दाख में भी कांपी धरती

राजस्थान के बीकानेर में आया भूकंप 5.3 तीव्रता का है, इस तरह के भूकंप से इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है।

राजस्थान के बीकानेर में बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर आया। इसका केंद्र बीकानेर से 343 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में 10 किमी की गहराई पर था। भूकंप से अब तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

मेघालय में भी भूकंप के झटके
राजस्थान से पहले मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह भूकंप रात में 2 बजकर 10 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप का केंद्र पश्चिम गारो हिल्स बताया गया है। हालांकि, यहां भी किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

लेह-लद्दाख में भी 3.6 तीव्रता का भूकंप
इधर, लेह लद्दाख में भी सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है। यानी, राजस्थान से पहले मेघालय और लेह-लद्दाख में भी धरती कांपी है। हालांकि, यहां भी किसी नुकसान की खबर नहीं है।

6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।

ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।

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