राजनाथ सिंह ताजिकिस्तान के दौरे पर क्यों जा रहे हैं?
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में भाग लेने के लिए 27 जुलाई को दुशांबे, ताजिकिस्तान के तीन दिनी दौरे पर जा रहे हैं। SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की सालाना बैठक अबकी 27-29 जुलाई के बीच होनी है। इस सालाना बैठक में SCO के सदस्य देश रक्षा सहयोग के मसलों पर चर्चा करते हैं। इस बैठक में बातचीत का मुख्य केंद्र अफगानिस्तान और तालिबान रह सकता है।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh is visiting Dushanbe, Tajikistan from July 27-29, 2021 to attend the annual meeting of the Defence Ministers of Shanghai Cooperation Organisation (SCO) member states.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) July 27, 2021
मीटिंग में राजनाथ सिंह 28 जुलाई को अपनी बात रख सकते हैं। दुशांबे दौरे पर राजनाथ सिंह अपने ताजिक समकक्ष कर्नल जनरल शेराली मिर्ज़ो से द्विपक्षीय मुद्दों और आपसी हित के कई मसलों पर भी बातचीत कर सकते हैं। संभावना जताई जा रही है कि राजनाथ सिंह मध्य एशियाई देशों के रक्षा मंत्रियों से भी मुलाक़ात कर सकते हैं।
चीनी रक्षामंत्री से मिलेंगे राजनाथ सिंह?
राजनाथ सिंह के चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंघे भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि, दोनों मंत्रियों के बीच मीटिंग का कोई प्लान नहीं है, जैसे कि वे पिछले साल मास्को में SCO की बैठक के दौरान मिले थे।
यहां ध्यान देनी वाली बात यह है कि ताजिकिस्तान इस साल SCO की अध्यक्षता कर रहा है। जुलाई की शुरुआत में विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर भी दुशांबे के दौरे पर थे। यहां उन्होंने चीनी विदेश मंत्री से भी मुलाक़ात की थी। इस द्विपक्षीय बैठक में विदेश मंत्री ने बताया था कि बॉर्डर क्षेत्र की यथास्थिति में एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं है।
भारत और ताजिकिस्तान
ताजिकिस्तान, भारत का मित्र देश है और हालिया सालों में दोनों देशों के बीच सामरिक और सैन्य संबंध उच्च स्तर पर पहुंचे हैं। ताजिकिस्तान में भारत का पहला मिलिट्री बेस है। फ़ारखोर एयर बेस ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे से करीब 130 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में है। यह ताजिक वायु सेना और भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित है। फ़ारखोर एयर बेस के जरिए भारत मध्य एशिया और पाकिस्तान, अफगानिस्तान पर नज़र रखता है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने इस बेस को चिंता जता चुके हैं कि भारतीय सेना इस बेस का इस्य्तेमाल कर मिनटों में पाकिस्तान पहुंच सकते हैं।
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