मोदी का रूट टू अमेरिका: तालिबान के चलते अफगानिस्तान के ऊपर से नहीं गुजरा मोदी का विमान, पाकिस्तान के एयरस्पेस में भरी उड़ान

मोदी का रूट टू अमेरिका: तालिबान के चलते अफगानिस्तान के ऊपर से नहीं गुजरा मोदी का विमान, पाकिस्तान के एयरस्पेस में भरी उड़ान

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9 मिनट पहले

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मोदी का रूट टू अमेरिका: तालिबान के चलते अफगानिस्तान के ऊपर से नहीं गुजरा मोदी का विमान, पाकिस्तान के एयरस्पेस में भरी उड़ान

बुधवार को अमेरिका यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री के विमान ने अफगानिस्तान के ऊपर से उड़ान नहीं भरी। सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया। वहीं, अमेरिका तक अपनी नॉन स्टॉप फ्लाइट के लिए उन्होंने पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल किया।

प्रधानमंत्री के साथ विशेष विमान में NSA अजित डोभाल, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला समेत सरकार के उच्च अधिकारी अमेरिका भी रवाना हुए। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की फ्लाइट के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी गई थी। इस्लामाबाद की तरफ से हामी भरने के बाद प्रधानमंत्री की फ्लाइट के लिए यह रूट तय किया गया।

अफगानिस्तान से गुजरता है भारत-अमेरिका हवाई रूट

भारत से अमेरिका का एयर रूट पाकिस्तान और अफगानिस्तान से होकर गुजरता है। इसके बाद विमान ताजिकिस्तान की सीमा से होते हुए नॉर्थ अटलांटिक ओशन के ऊपर से उड़ान भरते हैं। हालांकि अमेरिका के अलग-अलग शहरों तक जाने वाली उड़ानें अपने रूट में थोड़ा बदलाव करती हैं।

अमेरिका पहुंचने में ज्यादा समय लेगा AI-1
प्रधानमंत्री का विशेष विमान नई दिल्ली से अमेरिका की नॉन स्टॉप उड़ान में 15 घंटे का समय लेगा। हालांकि, अफगानिस्तान का एयरस्पेस इस्तेमाल न करने की वजह से इसमें कुछ घंटे की बढ़ोतरी हुई है। अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जे के बाद तालिबान ने 16 अगस्त से अपना एयरस्पेस कॉमर्शियल उड़ानों के लिए बंद कर दिया था। भारत सरकार ने एयरलाइन कंपनियों को अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से उड़ान न भरने की एडवाइजरी भी जारी की है।

पाकिस्तान ने 2019 में नहीं दी थी इजाजत
इससे पहले, पाकिस्तान ने 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पेशल प्लेन को उसके एयरस्पेस में उड़ान भरने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर विरोध जताते हुए पाकिस्तान ने यह फैसला लिया था। उस समय प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी और राष्ट्रपति कोविंद आइसलैंड जा रहे थे।

आर्टिकल 370 हटाने का विरोध कर रहा था पाक
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 2019 में जारी बयान में कहा था, ‘हमने जम्मू-कश्मीर के हालात और भारत के दबाव भरे रवैये, उस क्षेत्र में लोगों के अधिकारों की चिंता के चलते भारत के प्रधानमंत्री के विमान को अपने क्षेत्र से गुजरने की इजाजत न देने का फैसला किया है। हमने अपना फैसला भारतीय हाई कमीशन को भी बता दिया है।’

भारत ने ICAO में विरोध दर्ज कराया था
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के विमान को एयरस्पेस के इस्तेमाल की मंजूरी न देने पर भारत ने अंतरराष्ट्रीय सिविल एविएश ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) के सामने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। इसी दौरान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के श्रीलंका दौरे के समय भारत ने उनके विमान को अपने एयरस्पेस से गुजरने की इजाजत दी थी।

एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम से लैस से PM का प्लेन
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हाई-लेवल डेलीगेशन को लेकर जा रहे प्लेन ने बुधवार सुबह एयरफोर्स के टेक्निकल एयरबेस से उड़ान भरी थी। पहली बार भारत के VVIP एयरक्राफ्ट को एअर इंडिया वन (AI-1) कॉल साइन दिया गया है। हाल ही में VVIP ऑपरेशन के लिए मॉडिफाई किए गए बोइंग 777 एक्स्ट्रा रेंज (B-777 ER300) में एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम फिट किया गया है।

मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिलेंगे

अमेरिका यात्रा पर रवाना होने से पहले PM मोदी ने बयान जारी कर कहा कि यह दौरा अमेरिका से स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मजबूत करने का मौका होगा। PM मोदी ने कहा, ‘मैं अमेरिका के महामहिम राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर 22-25 सितंबर, 2021 तक USA का दौरा करूंगा। इस दौरान मैं राष्ट्रपति बाइडेन के साथ वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और आपसी हितों के क्षेत्रीय व ग्लोबल मुद्दों पर विचार साझा करूंगा। मैं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं। हैरिस के साथ विज्ञान और टेक्नोलॉजी सेक्टर में सहयोग के अवसरों पर चर्चा होगी।’

क्वाड शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ व्यक्तिगत रूप से क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। यह सम्मेलन इस साल मार्च में हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के नतीजों का जायजा लेने का मौका देगा। साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण के आधार पर भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर बातचीत होगी।’

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