मुफ्त सुविधाओं पर कोर्ट का कमेंट: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बेघर और भिखारियों को भी देश के लिए कुछ करना चाहिए, उन्हें सब कुछ फ्री दिया तो वे काम नहीं करेंगे

मुफ्त सुविधाओं पर कोर्ट का कमेंट: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बेघर और भिखारियों को भी देश के लिए कुछ करना चाहिए, उन्हें सब कुछ फ्री दिया तो वे काम नहीं करेंगे

[ad_1]

मुंबई8 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
अदालत की यह टिप्पणी मुंबई के रहने वाले बृजेश आर्य की जनहित याचिका पर आई है। - Dainik Bhaskar

अदालत की यह टिप्पणी मुंबई के रहने वाले बृजेश आर्य की जनहित याचिका पर आई है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सड़कों पर रहने वाले बेघरों और भिखारियों के लिए अहम टिप्पणी की है। शुक्रवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने कहा कि बेघरों और भिखारियों को भी देश के लिए कुछ काम करना चाहिए। उन्हें राज्य ही सब कुछ उपलब्ध नहीं करा सकता। अगर उन्हें सब कुछ फ्री में दिया तो वे काम नहीं करेंगे।

अदालत की यह टिप्पणी मुंबई के रहने वाले बृजेश आर्य की याचिका पर आई है। आर्य ने लॉकडाउन के दौरान अदालत से बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को शहर में बेघरों, भिखारियों और गरीबों को तीन वक्त का खाना, पीने का पानी, रहने के लिए जगह और पब्लिक टॉयलेट का इंतजाम करने के लिए निर्देश देने की गुजारिश की थी।

अदालत में BMC का जवाब
सुनवाई के दौरान BMC ने अदालत को बताया था कि NGO की मदद से पूरी मुंबई में ऐसे लोगों को खाना और इस वर्ग की महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन दिया जा रहा है। अदालत ने BMC की इस दलील को मानते हुए कहा कि खाना और जरूरी जरूरी चीजें देने के बारे में आगे निर्देश देने की जरूरत नहीं है।

गुजारिश मानी गई तो लोग काम नहीं करेंगे
डबल बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि बेघर और भिखारियों को भी देश के लिए काम करना चाहिए। हर कोई काम कर रहा है। सबकुछ राज्य नहीं दे सकता है। आपकी याचिका इस वर्ग की आबादी बढ़ाने वाली है। अदालत ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर याचिका में किए गए सभी अनुरोध मान लिए जाएं तो यह लोगों को काम नहीं करने का न्योता देने जैसा होगा।

शौचालय के मुफ्त इस्तेमाल की इजाजत मिले
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शहर में पब्लिक टॉयलेट हैं और पूरे शहर में इनके इस्तेमाल के लिए मामूली चार्ज लिया जाता है। अदालत ने कहा कि BMC को बेघरों को ऐसी सुविधाएं फ्री में इस्तेमाल करने की इजाजत देनी चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि याचिका में विस्तार से नहीं बताया गया कि बेघर कौन हैं, शहर में बेघरों की आबादी का भी जिक्र नहीं किया गया है।

बेघरों का फ्री में हो रहा वैक्सीनेशन
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए BMC, ठाणे महानगर पालिका (TMC) और नवी मुंबई महानगर पालिका (NMC) भिखारियों का फ्री में वैक्सीनेशन करवा रहा है। BMC ने इसकी जानकारी भी हाईकोर्ट को दी है। हाईकोर्ट ने भी कुछ दिनों पहले इनके टीकाकरण को लेकर सरकार से एक गाइडलाइन जारी करने को कहा था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *