मासूमों का कब्रगाह बन गया अफगानिस्तान! छह महीने में 460 बच्चे मारे गये, रिपोर्ट में दावा
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तो क्या अब अफगानिस्तान मासूम बच्चों के लिए कब्रगाह बन चुका है। कम से कम UNICEF की एक रिपोर्ट से तो ऐसा ही लगता है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में हुई भारी हिंसा की वजह से इस साल के शुरुआती छह महीने में कम से कम 460 बच्चों की मौत हो गई। ‘TOLOnews’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि बीते गुरुवार को कुंडुज में हुए एक ब्लास्ट में एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत हो गई। इनमें चार लड़कियां और दो लड़के भी शामिल थे। इस ब्लास्ट में तीन अन्य लड़के जख्मी भी हो गये थे।
यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में दशकों से जारी युद्ध की वजह से हजारों लोगों की जिंदगी यहां प्रभावित हुई है। ननग्रहर में हिंसा के दौरान 6 साल के एक मासूम हबितुल्लाह पैर से अपाहिज हो गए और आज वो कृत्रिम पैर के जरिए अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। हबितुल्लाह के पिता अब्दुल्लाह ने कहा, ‘हिंसा के दौरान मेरे बेटे के पैर में गोली लगी थी। वो काफी समय तक अस्पताल में रहा और उसकी एक टांग खराब हो गई।’
उन्होंने कहा कि उनका परिवार लाचार हो गया है। उन्होंने बताया कि अब उनके बेटे का इलाज रेड क्रॉस सोसायटी करवा रही है। यहां के एक थेरेपिस्ट मोहम्मद फहीम हर रोज करीब 10-15 बच्चों का इलाज करते हैं। इन बच्चों का दिमाग बिल्कुल स्थिर पड़ गया है। उन्होंने इसे बेहद गंभीर हालात बताए और हिंसा को इसकी प्रमुख वजह भी बताया है। यूनिसेफ ने भी अफगानिस्तान में बच्चों की हालत पर गंभीर चिंता जाहिर की है।
यूनिसेफ के कम्यूनिकेशन प्रमुख सामंता मोर्ट ने कहा, ‘इस साल अब तक विस्फोट में मारे गये बच्चों की संख्या को लेकर हम काफी गंभीर हैं। बच्चों की मौत काफी दुखद है। यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कई सालों से अफगानिस्तान में बच्चे गरीबी और कुपोषण से संघर्ष कर रहे हैं।
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