मानसून सेशन से पहले कांग्रेस में सर्जरी: लोकसभा में कांग्रेस के लीडर पद से हटाए जा सकते हैं अधीर रंजन; बंगाल चुनाव के बाद पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे

मानसून सेशन से पहले कांग्रेस में सर्जरी: लोकसभा में कांग्रेस के लीडर पद से हटाए जा सकते हैं अधीर रंजन; बंगाल चुनाव के बाद पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे

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नई दिल्ली23 मिनट पहले

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द ही चौंकाने वाला फैसला ले सकती हैं। अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस के लीडर के पद से हटाया जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस मानसून सेशन से पहले अधीर रंजन को हटाकर तृणमूल के साथ सदन में भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगी।

हालांकि, रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी इस पोस्ट के दावेदार नहीं हैं। बंगाल चुनाव के दौरान बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने कैंपेनिंग में हिस्सा लिया था और वे बंगाल कांग्रेस के चीफ भी हैं।

बंगाल चुनाव के बाद की थी लीडर्स की आलोचना
कांग्रेस लीडरशिप को बदलाव के लिए चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं की आलोचना करने वालों में भी सबसे बड़ा चेहरा अधीर रंजन चौधरी ही थे। बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। इसके बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि पार्टी अब नेताओं के सोशल मीडिया के ककून में घिरे रहने को सह नहीं सकती। अब उन्हें सड़क पर उतरना होगा। जैसा कि सोनियाजी ने कहा कि कोविड के पीड़ितों की बढ़-चढ़कर मदद करनी होगी।

अधीर रंजन चौधरी को हटाए जाने की वजहें

  1. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अब तृणमूल के साथ नजदीकियां बढ़ाना चाहती है। इसी के तहत अधीर रंजन को लोकसभा में कांग्रेस के लीडर पद से हटाए जाने का फैसला लिया जा सकता है। कांग्रेस चाहती है कि मानसून सेशन में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस और तृणमूल मिलकर लड़ें।
  2. बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने सीधे ममता बनर्जी पर बयानबाजी नहीं की थी और उनकी सरकार में दोबारा वापसी के बाद स्वागत भी किया था। दूसरी ओर, अधीर रंजन चौधरी के रिश्ते ममता बनर्जी और बंगाल सरकार से तल्ख ही रहे।
  3. कांग्रेस चाहती है कि मानसून सेशन के दौरान तृणमूल के साथ फ्लोर कोऑर्डिनेशन में कोई बाधा न आए, क्योंकि तृणमूल बंगाल में गवर्नर जगदीप धनखड़ के साथ चल रहे टकराव को जोर-शोर के साथ संसद में उठाना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों को साधकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से धनखड़ को वापस बुलाए जाने की मांग भी कर सकती है।

अधीर रंजन हटे तो जगह कौन लेगा?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर सोनिया गांधी निचले सदन में अधीर रंजन को पार्टी के लीडर पद से हटाती हैं तो उनकी जगह कौन लेगा? सूत्रों की मानें तो इस पोस्ट के लिए तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर, आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि, ये दोनों नेता भी उन 23 में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस लीडरशिप को चिट्ठी लिखी थी। ये भी अभी साफ नहीं है कि राहुल गांधी संसद में 52 सदस्यीय कांग्रेस टीम को लीड करना चाहते हैं या नहीं। हालांकि, ये कहा जा रहा है कि वे इस पद के दावेदारों में शामिल नहीं हैं।

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