मानसून सेशन में आंदोलन की गर्माहट: किसान मोर्चा समर्थन के लिए सभी विपक्षी दलों को वॉर्निंग लेटर भेजेगा, 22 जुलाई से संसद के बाहर रोज 200 किसान प्रदर्शन करेंगे
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नई दिल्ली29 मिनट पहले
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संयुक्त किसान मोर्चा लेटर लिखकर विपक्षी दलों से यह निश्चित करने के लिए कहेगा कि मानसून सेशन का इस्तेमाल किसान आंदोलन के समर्थन के लिए किया जाए। – फाइल फोटो
22 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सेशन में गरमाहट के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वो सभी विपक्षी दलों को वॉर्निंग लेटर भेजेगा। मोर्चा विपक्षी दलों से यह निश्चित करने के लिए कहेगा कि मानसून सेशन का इस्तेमाल किसान आंदोलन के समर्थन के लिए किया जाए। मोर्चा ने कहा कि 22 जुलाई से कम से कम 200 किसान संसद के बाहर रोज प्रदर्शन करेंगे।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि एक कंपनी चला रही है। तभी तो अब तक मामला सुलझाने के लिए क्यों कोई बातचीत शुरू नहीं की गई।
ममता और राकेश टिकैत ने बनाई थी संसद की स्ट्रैटजी
- बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। तय हुआ था कि गैर राजनीतिक कहे जा रहे किसानों के धरना स्थल को अब पॉलिटिकल रंग दिया जाएगा।
- ममता का यह मंच किसानों के लिए बने मंच से अलग होगा। इसके अलावा तृणमूल सदन में भी किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी।
- बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार कर चुके राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की मुखालफत करेंगे।
- सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी के कई नेताओं से संपर्क में है। मायावती के बेहद करीबी सतीश चंद्र मिश्रा भी इनमें शामिल हैं। अभी यह साफ नहीं है कि तृणमूल अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी के साथ।
राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस डाल सकती है खलल
मानसून सेशन करीब आते ही कांग्रेस ने एक बार फिर राफेल डील का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने रविवार को भी ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री को घेरा। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री इस डील की संयुक्त संसदीय कमेटी यानी JPC की जांच से बच क्यों रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कुछ ऑप्शन भी दिए। 4 ऑप्शन में से एक था अपराधबोध और एक था कि मित्रों को बचाने के लिए मोदी इस जांच से बच रहे हैं।
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