मांझी ने ब्राह्मणों को गाली दी, फिर मांगी माफी: बोले- पंडितजी को नहीं, अपने समाज के लोगों को कहा था; राम को भी बताया काल्पनिक

मांझी ने ब्राह्मणों को गाली दी, फिर मांगी माफी: बोले- पंडितजी को नहीं, अपने समाज के लोगों को कहा था; राम को भी बताया काल्पनिक

[ad_1]

पटना7 घंटे पहले

विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जुबान शनिवार को फिर फिसल गई। इस बार निशाने पर ब्राह्मण हैं। पटना में भुइयां समाज के मंच से बोलते वक्त उन्होंने ब्राह्मण समाज के लिए बहुत गलत भाषा का इस्तेमाल किया। उनके इस बयान का वीडियो रविवार को वायरल हो गया। बयान पर बवाल मचने के बाद मांझी ने यूटर्न लिया और तुरंत माफी मांग ली।

वीडियो में मांझी कह रहे हैं कि दलित समाज में आजकल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं। हमारे समाज में ब्राह्मण @#$%… (गाली) जाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। सिर्फ पैसा लेते हैं।

मांझी के इस बयान के बाद उन्हीं की पार्टी HAM में खलबली मच गई है। राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान में बयान जारी कर कहा कि मांझी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उनका यह मतलब नहीं था। उनका कहना था कि ब्राह्मण दलितों के घर में जाते हैं। उनके यहां खाना नहीं खाते। उनसे पैसा लेते हैं।

मांझी ने पंडितों से मांगी माफी
मांझी ने अपनी सफाई में कहा कि ‘हमने अपने समाज के लोगों को ये कहा- आज आस्था के नाम पर करोडों-करोड़ों रुपए लुटाया जा रहा है। गरीब की जितनी भलाई होनी चाहिए, उतनी भलाई नहीं हो रही है। और आप लोग, जो शेड्यूल कास्ट के लोग हैं, पहले पूजा-पाठ में उतना विश्वास नहीं करते थे। पहले तो अपनी देवताओं की पूजा-पाठ करते थे। चाहे तुलसी हो, मां सबरी हों, दीना भगरी हों। ये सबकी पूजा करते थे।

लेकिन अब तो आपके यहां पंडित जी भी आते हैं और आप लोगों को लाज-शर्म नहीं लगता है कि वो कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, बाबू नगदे दे देना…उनसे पूजा करवाते हो। ये हमने कहा था और हम अपने समाज के लिए #@$% (गाली) शब्द का इस्तेमाल किया था। हमने पंडित जी के लिए नहीं किया था। अगर कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम माफी चाहते हैं।’

सफाई में देवी-देवताओं को गाली
विवाद बढ़ने पर पटना के अपने आवास पर सफाई देने आए मांझी ने कहा कि वो ब्राह्मणों को नहीं बल्कि अपने समाज के लोगों के लिए गाली का इस्तेमाल किए थे। मगर उनके वीडियो को देखने-सुनने से ऐसा लगता नहीं है। सफाई और माफी के बाद मांझी ने कैमरे पर देवी-देवताओं को भी गालियां दी। इस दौरान कई बार गालियों का इस्तेमाल किए।

‘मैं राम को भगवान नहीं मानता’
भगवान राम को लेकर भी मांझी ने अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि ‘राम को हम नहीं मानते हैं, वो आदमी नहीं था। काल्पनिक है वो। पूजवा रहा है हमसे। हम लोग मूर्ति पूजते हैं। पीढ़ी पूजते हैं। आस्था वो है? हम उसी को भगवान मान जाएं? उसी प्रकार से राम कोई भगवान नहीं है। वो उसके नाम पर…ठीक है रामायण लिखी गई है। रामायण में बहुत सी ऐसी उक्तियां हैं, जो पढ़ने योग्य है। समझने योग्य है। लेकिन राम भगवान थे, ये मानने को हम तैयार नहीं थे।

BJP ने कहा- मांझी सठिया गए हैं
पूर्व CM के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी सठिया गए हैं। वे इस बयान को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में हस्तक्षेप चेक करें। तिवारी ने कहा कि अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो ब्राह्मण समाज आंदोलन करेगा। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

JDU ने बयान को दुखद बताया
सहयोगी दल के नेता के इस तरह के बयान से JDU भी आहत है। JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बयान को दुखद बताया है। उन्होंने कहा कि यह बयान भारतीय संविधान के मूल से बिल्कुल अलग है। यह दुखद बयान है। किसी समाज को इस तरफ से आहत नहीं किया जा सकता है। यह गलत है।

सवर्णों को बता चुके हैं विदेशी
मांझी इससे पहले भी अपने विवादित बयान के लिए जाने जाते रहे हैं। नवंबर 2014 में उन्होंने सवर्णों को विदेशी बता दिया था। बेतिया में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सवर्णों को आर्यन का वंशज और विदेश से आना वाला बताया था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *