महाकाल की पहली शाही सवारी: महाकाल मंदिर पहुंची; शाम 7 बजे से 2 घंटे के लिए फिर खुले द्वार, दर्शनों के लिए सुबह मची अफरा-तफरी
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मध्य प्रदेश2 घंटे पहले
शाम 4 बजे बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलना शुरू हो गई।
सावन का आज पहला सोमवार है। शाम 4 बजे महाकाल की पहली शाही सवारी निकली। शिप्रा तट से सवारी हरसिद्धि मंदिर पहुंची। यहां हरसिद्धि से मिलने के बाद 5:30 बजे सवारी वापस महाकाल मंदिर पहुंची। यहां पूजन किया गया। अब शाम 7 बजे दर्शनों के लिए फिर द्वार खोल दिए गए। 9 बजे तक दर्शनों के बाद द्वार बंद कर दिए गए। इससे पहले सुबह मंदिर में ज्यादा भीड़ होने से अफरा-तफरी मच गई। इसमें 4 महिलाएं और दो बच्चे भी दब गए। हालांकि बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
इससे पहले मध्य प्रदेश के महाकाल और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के अलावा मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लग गई। उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर उमड़ी भक्तों की भीड़ देखकर सबके लिए प्रवेश सुबह 11 बजे तक के लिए फ्री कर दिया गया। श्रद्धालु की भीड़ बैरिकेड्स गिरा कर दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश कर गई। 11 बजे के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया।
शाम 4 बजे बाबा महाकाल की सवारी निकलना शुरू हो गई।
मंदिर में कोरोना महामारी के कारण सावन महीने में प्री-बुकिंग पर सिर्फ 5,000 लोगों को प्रवेश देना तय हुआ था, लेकिन सोमवार सुबह 11 बजे तक 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर चुके थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सपरिवार महाकाल की पूजा की।
सीएम शिवराज ने कहा, भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण माह के प्रथम सोमवार को प्रभु के दर्शन और पूजन के लिए आया हूं। भगवान महाकाल से प्रार्थना है कि वे हमें सभी विपत्तियों से लड़ने की शक्ति दें। मध्यप्रदेश और देश का कल्याण करें। सभी जीवों का कल्याण करें। सबके जीवन में सुख-समृद्धि लाएं और सबकी मनोकामनाएं पूरी करें।
मंदिर में मची अफरा-तफरी
सुबह करीब 10:30 बजे मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। लोग गेट नंबर 4 पर दर्शनों के लिए खड़े थे। यहीं से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था। गेट नंबर 4 के पास ही भस्मारती गेट है। मंदिर कर्मचारियों ने भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए भस्मारती गेट भी खोल दिया। इसके बाद भीड़ अंदर जाने के लिए टूट पड़ी। लोग एक-दूसरी पर गिरते-पड़ते रहे। कुछ लोगों के बीच मारपीट भी हुई। इस दौरान 4 महिलाएं और दो बच्चे भी दब गए। हालांकि उन्हें गंभीर चोट नहीं आई। कलेक्टर आशीष सिंह ने इसकी पुष्टि भी की है। साथ ही कहा है, अगले सोमवार से व्यवस्था और पुख्ता की जाएगी।
सुबह महाकाल मंदिर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मियों ने गेट बंद कर स्थिति को संभाला।
भस्मारती में आम श्रद्धालु नहीं
तड़के 3 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भस्म आरती हुई। आरती में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिला। भस्म आरती के दौरान सिर्फ पंडे-पुजारी ही गर्भगृह में रहे। बाबा महाकाल का भांग और चंदन से श्रृंगार किया गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। इसकी वजह से मंदिर में सभी के लिए 11 बजे तक खोल दिया गया। इस दौरान भीड़ इतनी जुट गई कि लोग बैरिकेड्स गिराकर मंदिर में प्रवेश कर गए।
पूरी खबर पढ़िए-सावन का पहला सोमवार, महाकाल के आंगन के 10 फोटो:बाबा के दर्शन की होड़ में भक्तों ने बैरिकेड्स गिराए, सुबह 11 तक फ्री रही एंट्री; मंत्री से लेकर संत्री तक हाजिरी देने पहुंचे
मंदिर प्रबंध समिति ने लाइव दर्शन की भी व्यवस्था की। www.mahakaleshwar.nic.in और यू-ट्यूब पेज https://youtu.be/8cixmzkjfI4 पर भगवान की आरती और दिन भर दर्शन के साथ सवारी का सीधा प्रसारण किया जा रहा है।
सावन के पहले दिन बाबा महाकाल की भस्मारती करते पुजारी।
महाकाल में शीघ्र दर्शन के काउंटर बंद
26 जुलाई, 02 अगस्त, 09 अगस्त, 16 अगस्त, 23 अगस्त, 30 अगस्त और 06 सितंबर को महाकाल के दर्शन सुबह 6 बजे से 11 बजे तक प्री-बुकिंग से ही होंगे। इस अवधि में 250 रुपए वाले शीघ्र दर्शन के काउंटर बंद रहेंगे।
खंडवा: भगवान ओंकार की सवारी निकलेगी
सावन के चारों रविवार और चारों सोमवार को टोकन बुकिंग के माध्यम से ही भक्त ज्योतिर्लिंग मंदिर में प्रवेश दिया गया। भगवान ओंकार की पहली सवारी आज निकलेगी। सावन के दूसरे सोमवार को ओंकार भगवान का महा शृंगार किया जाएगा। तीसरे सोमवार को 251 लीटर पंचामृत से कोटितीर्थ घाट पर वैदिक विद्वानों की उपस्थिति में महाभिषेक होगा। सावन के चौथे सोमवार को ओंकार जी की पालकी कोटितीर्थ घाट से नौका विहार करके ओंकार घाट पहुंचेगी। वहां से मुख्य बाजार से होते हुए ज्योतिर्लिंग मंदिर में यात्रा का समापन होगा।
वीआईपी दर्शन की इच्छा रखने वाले श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग के लिए मंगलवार से शनिवार के बीच 300 रुपए शुल्क का टिकट ले सकेंगे। बुकिंग की वेबसाइट www.shri omkareshwar.org रहेगी।
मंदसौर: पशुपतिनाथ के दर्शन बाहर से
कोरोना के चलते पशुपतिनाथ मंदिर में इस साल भी धार्मिक आयोजन नहीं होंगे। भक्त गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं। एक समय में 5-10 लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। भगवान की पूजा और अभिषेक मंदिर के पुजारी कर रहे हैं। जलाभिषेक की व्यवस्था बंद है। भोग प्रसादी मंदिर प्रबंधन की ओर से किया जा रहा है। भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
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