महंत नरेंद्र गिरि को आज दी जाएगी समाधि LIVE: पार्थिव देह का 5 डॉक्टरों के पैनल ने शुरू किया पोस्टमार्टम; प्रयागराज में आज 12वीं तक के सभी स्कूल बंद

महंत नरेंद्र गिरि को आज दी जाएगी समाधि LIVE: पार्थिव देह का 5 डॉक्टरों के पैनल ने शुरू किया पोस्टमार्टम; प्रयागराज में आज 12वीं तक के सभी स्कूल बंद

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प्रयागराज9 मिनट पहले

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महंत नरेंद्र गिरि को आज दी जाएगी समाधि LIVE: पार्थिव देह का 5 डॉक्टरों के पैनल ने शुरू किया पोस्टमार्टम; प्रयागराज में आज 12वीं तक के सभी स्कूल बंद

महंत नरेंद्र गिरि को आज भू-समाधि दी जाएगी। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर बाघंबरी मठ से स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया। वहां 5 डॉक्टरों की टीम पोस्टमार्टम कर रही है। इसके बाद संगम में स्नान कराने के बाद दोपहर तक बाघंबरी मठ में ही महंत को भू-समाधि दी जाएगी। महंत के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में शहरी क्षेत्र के 12वीं तक के सभी स्कूल-कॉलेज में छुट्‌टी कर दी गई है।

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

अपडेट्स…

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट सील कर दी जाएगी। उसकी एक प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजे जाने की बात आ रही है।
  • राम मंदिर आंदोलन से जुड़े पूर्व सांसद राम विलास दास वेदांती बाघंबरी मठ पहुंचे हैं।
  • गिरफ्तार आनंद गिरि, आद्या तिवारी की आज कोर्ट में पेशी होगी। पुलिस रिमांड के लिए अर्जी भी दाखिल करेगी।
प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड किया था।

प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड किया था।

नींबू के पेड़ के नीचे समाधि बनाने की थी इच्छा
महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम इच्छा थी कि उनकी समाधि बाघंबरी मठ में नींबू के पेड़ के पास दी जाए। यह बात उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी लिखी है। महंत नरेंद्र का 20 सितंबर को मठ के कमरे में फांसी के फंदे पर शव लटका मिला था। शव के पास ही कई पेज का वसीयतनुमा सुसाइड नोट मिला था।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2 एडिशनल एसपी, 4 सीओ, 8 थानेदार, 2 कंपनी पीएसी और 400 दरोगा-सिपाही की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा मॉनिटरिंग के लिए डीआईजी/एसएसपी, आईजी रेंज और एडीजी जोन खुद मौजूद रहेंगे।

महंत नरेंद्र गिरि 13 सितंबर को भी आत्महत्या करने जा रहे थे। लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। इसका जिक्र उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।

महंत नरेंद्र गिरि 13 सितंबर को भी आत्महत्या करने जा रहे थे। लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। इसका जिक्र उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।

अभी भी उलझी हुई है मौत की गुत्थी
महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की गुत्थी अब भी उलझी हुई है। लेटे हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि पवन महाराज की ओर से स्वामी आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में स्वामी आनंद गिरि समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच एसआईटी को सौंपी गयी है। 18 सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व सीओ अजीत सिंह चौहान कर रहे हैं।

पुलिस स्वामी आनंद गिरी से प्रयागराज पुलिस लाइंस में पूछताछ कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से महंत की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।

मंगलवार को महंत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी मठ में रखा गया था।

मंगलवार को महंत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी मठ में रखा गया था।

2012 से महंत पर हावी था आनंद
महंत की मौत का प्रकरण हाई प्रोफाइल होने के कारण सोमवार शाम से देर रात तक प्रयागराज पुलिस का कोई अफसर खुल कर कुछ कहने को तैयार नहीं हुआ। लेकिन, दबी जुबान में पुलिस अफसरों का कहना है कि अब तक की जांच में यही सामने आया है कि महंत नरेंद्र गिरि का शिष्य आनंद गिरि उन पर 2012 से ही हावी हो गया था। इसके पीछे चाल-चरित्र और संपत्तियों से जुड़ा विवाद अहम वजह थी। महंत और आनंद एक-दूसरे के राजदार थे।

आज दोपहर बाद महंत को मठ के बगीचे में भूसमाधि दी जाएगी।

आज दोपहर बाद महंत को मठ के बगीचे में भूसमाधि दी जाएगी।

धमकी देता था आनंद
महंत ने हाल के वर्षों में ख्याति कुछ ज्यादा ही अर्जित कर ली थी तो उन्हें आनंद की नाराजगी से खुद की प्रतिष्ठा को लेकर डर लगने लगा था। आनंद उन्हें डराता था कि यदि वह उनका उत्तराधिकारी नहीं बन सका तो उनके चाल-चरित्र संबंधी वीडियो उजागर कर देगा। आनंद की धमकियों से डरे श्रीमहंत को कोई और विकल्प नहीं सूझा तो वे आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हो गए

महंत के बहनोई बोले- दूसरों को ज्ञान देते थे वह आत्महत्या नहीं कर सकते
प्रतापगढ़ के मान्धाता के पनियारी गांव निवासी महंत नरेन्द्र गिरि की बहन उर्मिला सिंह और बहनोई भागीरथी सिंह, अन्य रिश्तेदारों ने बाघंबरी मठ पहुंचकर उनका दर्शन किया। उर्मिला सिंह ने बताया कि उनके भाई नरेंद्र गिरि के संन्यास लेने के बाद उनकी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। वहीं, महंत के बहनोई भागीरथी सिंह ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि दूसरों को ज्ञान देते थे, वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकते।

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