मनमोहन सिंह को कमजोर कहने पर सफाई: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- 26/11 के बाद UPA सरकार देश की सुरक्षा को लेकर नरम थी, ऐसा कहीं नहीं लिखा

मनमोहन सिंह को कमजोर कहने पर सफाई: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- 26/11 के बाद UPA सरकार देश की सुरक्षा को लेकर नरम थी, ऐसा कहीं नहीं लिखा

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Congress MP Manish Tewari Said After 26 11, The UPA Government Was Weak About The Security Of The Country, It Is Not Written Anywhere

नई दिल्ली12 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
मनमोहन सिंह को कमजोर कहने पर सफाई: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- 26/11 के बाद UPA सरकार देश की सुरक्षा को लेकर नरम थी, ऐसा कहीं नहीं लिखा

23 नवंबर को कांग्रेस पर किताब बम फोड़ने वाले पार्टी के सांसद मनीष तिवारी ने 9 दिन बाद सफाई दी है। तिवारी ने गुरुवार को बताया कि मैंने अपनी किताब में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि देश की सुरक्षा के मसलों पर डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार किसी भी मामले में नरम या कमजोर थी।

तिवारी ने गुरुवार को NDTV से बातचीत में कहा कि अगर आप किताब के उस पूरे पैरा को पढ़ें तो यह कहीं नहीं लिखा गया है कि सरकार सुरक्षा के मामले में नरम या कमजोर थी। चूंकि पाकिस्तान की सरकार में सेना का दखल है, इसे देखते हुए ऐसे किसी भी मामले में भारत ने हमेशा से रणनीतिक तौर पर संयम बरता है। भारत की इसी कूटनीतिक समझ को पाकिस्तान ने हमेशा कमजोर समझा है। 26/11 के संदर्भ में मेरे किताब में लिखी गई पूरी बात भी इसी नजरिए को लेकर थी।

तिवारी ने आगे बताया कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के व्यवहार में कोई बदलाव आया हो या फिर उसने अपनी कारगुजारियों पर कभी चिंता जताई हो। उरी के बाद पुलवामा में हुआ आतंकी हमला इसका उदाहरण है।

पाकिस्तान पर एक्शन न लेने को बताया था कमजोरी
23 नवंबर को कांग्रेस सांसद ने अपनी किताब ’10 फ्लैश पॉइंट; 20 ईयर्स – नेशनल सिक्योरिटी सिचुएशन देट इम्पैक्ट इंडिया’ में मनमोहन सिंह की UPA सरकार पर सवाल खड़े किए थे। तिवारी ने मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान पर किसी तरह का एक्शन न लेने को तब की मनमोहन सिंह सरकार की कमजोरी बताया था।

मनीष तिवारी की किताब जिसे लेकर विवाद हुआ।

मनीष तिवारी की किताब जिसे लेकर विवाद हुआ।

26/11 के बाद पाकिस्तान पर होनी चाहिए थी कार्रवाई
किताब में तिवारी ने लिखा है कि मुंबई हमले के बाद सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। ये ऐसा समय था, जब एक्शन बिल्कुल जरूरी था। एक देश (पाकिस्तान) निर्दोष लोगों का कत्लेआम करता है और उसे इसका कोई पछतावा नहीं होता। इसके बाद भी हम संयम बरतते हैं तो यह ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है। तिवारी ने 26/11 हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की है।

BJP ने कांग्रेस से जवाब मांगा
भाजपा ने किताब पर विवाद होने के बाद कांग्रेस पर सवाल खड़े किए थे। BJP प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तत्कालीन UPA सरकार की नीयत को खराब बताया। उन्होंने कहा कि उस समय के एयरचीफ मार्शल ने कहा था कि हमारी एयरफोर्स जवाब देने के लिए तैयार थी, लेकिन कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गई। इसके लिए कांग्रेस को जवाब देना चाहिए।

26/11 हमले में क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकी अरब सागर के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। उन्होंने 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बना रखा था। उनके पास 10 एके-47, 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड, 2 हजार गोलियां, 24 मैगजीन, 10 मोबाइल फोन, विस्फोटक और टाइमर्स थे। रात 8 बजकर 20 मिनट पर अजमल कसाब और उसके 9 साथियों ने मुंबई में कदम रखा था। मुंबई उतरने के बाद आतंकी दो-दो के ग्रुप में बंट गए थे और शहर में कई जगह कत्लेआम मचाया था।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *