भास्कर EXPLAINER: दिल्ली की हवा सबसे प्रदूषित; स्रोत अलग इसलिए एक्यूआई में अंतर
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एक घंटा पहले
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स्विस निजी एजेंसी आईक्यूएयर ने दिल्ली को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बताया। भारतीय सरकारी एजेंसियों ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का अलग डेटा दिया। भास्कर के अनिरुद्ध शर्मा ने सफर के निदेशक डॉ. गुरफान बेग व सीएसई के डॉ. अविकल सोमवंशी से जाना विभिन्न एजेंसियों के एक्यूआई के डेटा में अंतर का कारण।
एजेंसियों का एक्यूआई अलग क्यों?
आईक्यूएयर हवा में पीएम 2.5, पीएम 10 व ग्राउंड लेवल ओजोन की मात्रा से एक्यूआई गणना करते हैं। सीपीसीबी व सफर अमोनिया, कार्बन मोनो ऑक्साइड व लैड के साथ हवा में 8 प्रदूषकों की भी गणना करता है। भारतीय व अमेरिकी मानक अलग-अलग हैं।
चीनी एक्यूआईसीएन कैसे करती है?
एक्यूआईसीएन देशों की सरकारी एजेंसियों का डेटा जमा कर एक्यूआई अमेरिकी मॉडल से बनाता है। इसका डेटा आईक्यूएयर से विश्वसनीय है। स्विस एजेंसी के सेंसर के सर्टिफिकेशन का कोई तरीका नहीं है।
सीपीसीबी-सफर डेटा में अंतर क्यों?
दोनों भारतीय एजेंसियों के डेटा के अंतर की वजह इसे संग्रहित करने का समय है। सफर वेबसाइट पर एक्यूआई अधिकतम 500 तक है जबकि मोबाइल एप या पूर्वानुमान में 500 से अधिक वैल्यू भी दर्शाता है। सीपीसीबी 500 या उससे अधिक को भी 500+ दिखाता है।
भरोसेमंद वेबसाइट व एप कौन सा?
इसलिए किसी भी एप पर एक्यूआई देखते समय इस बात का ख्याल अवश्य रखें कि वह डेटा किस तरह के स्रोत से लिया गया है। भारत में सबसे प्रमाणिक डेटा सीपीसीबी का है।
विश्व में समान सिस्टम क्यों नहीं है?
समान सिस्टम या मॉडल होना भी नहीं चाहिए क्योंकि सभी जगह मौसम अलग है, लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अलग है और वातावरण के साथ अनुकूलता भी अलग-अलग है, इसलिए एक्यूआई के मानक भी किसी भी देश-विशेष के लिए अलग ही होने चाहिए।
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