भास्कर EXPAINER: राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस; खुद करें उपभोक्ता कोर्ट में शिकायत, 50 लाख तक के दावे की फीस 2000 रु.

भास्कर EXPAINER: राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस; खुद करें उपभोक्ता कोर्ट में शिकायत, 50 लाख तक के दावे की फीस 2000 रु.

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एक घंटा पहले

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भास्कर EXPAINER: राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस; खुद करें उपभोक्ता कोर्ट में शिकायत, 50 लाख तक के दावे की फीस 2000 रु.

देशभर की उपभोक्ता अदालतों में अब तक 31 लाख से ज्यादा मामले आए। इनमें से 27 लाख से ज्यादा यानी करीब 86% का निपटारा हुआ।

नाप-तौल में गड़बड़ी, सेवा में कमी आदि समस्याओं से निजात दिलाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू है। फिर भी प्रक्रिया पता न होने के चलते लोग इस कानून के तहत अपने अधिकार नहीं पा पाते। आज राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस पर जानते हैं कि इसके तहत बगैर वकील के शिकायत दर्ज करा सकते हैं…

ग्राहक शिकायत कब दर्ज करा सकता है?
कोई सामान, सेवा ग्राहक खरीदता है। उसमें कमी पाई जाती है या तय दाम से ज्यादा वसूली की जाती है, ताे उपभोक्ता शिकायत कर सकता है। अगर उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती है, तो वह हर्जाना पाने के लिए जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अदालत जा सकता है।

उपभोक्ता अदालत कहां मौजूद हैं?
देशभर में 630 से ज्यादा उपभोक्ता अधिकार अदालतें या उपभोक्ता वाद न्यायालय हैं। हर जिला फॉरम में अध्यक्ष समेत तीन सदस्य होते हैं।

अपना केस कैसे दायर करें?
केस दायर करने से पहले वस्तु या सेवा में कमी की शिकायत के बारे संबंधित कारोबारी या कंपनी को नोटिस भेजना होता है। यदि इस पर उचित कार्रवाई न करे तो सादे कागज पर अपना नाम, पता और वस्तु या सेवा में कमी का ब्योरा लिखकर कोर्ट में देना होगा। दावे के समर्थन में दस्तावेज जैसे बिल आदि की कॉपी लगाकर तय फीस जमा करनी होगी।

वकील जरूरी है, फीस कितनी लगेगी?
नहीं, शिकायत के लिए किसी वकील या सलाहकार की जरूरत नहीं। पीड़ित खुद शिकायत कर सकता है। फीस विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है। फिर भी 1 लाख रुपए तक के दावे में 100 रुपए, 1 से 5 लाख रुपए तक के दावे के लिए 200 रुपए, 5 से 10 लाख के लिए 400 रुपए, 10 से 20 लाख के लिए 500 रुपए, 20 से 50 लाख रुपए तक के दावे के लिए 2000 रुपए, 50 लाख से 1 करोड़ तक दावे की 4000 रुपए फीस लगती है। 1 करोड़ से ऊपर के दावे की शिकायत राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत में होती है। इसकी फीस 5000 रुपए है।

निपटारा कितने दिन में होता है?
शिकायतों के निपटारे में 3 से 5 महीने लगते हैं। इन अदालतों की सुनवाई बेहद सरल भाषा में होती है, ताकि पीड़ित व्यक्ति की शिकायत का जल्द और न्यायपूर्वक हो सके। आमतौर पर इन मामलों में फैसले अन्य प्रक्रिया के मुकाबले जल्द आते हैं।

ऐसी अदालतों में कितने मामले निपटे?
देशभर की उपभोक्ता अदालतों में अब तक 31 लाख से ज्यादा मामले आए। इनमें से 27 लाख से ज्यादा यानी करीब 86% का निपटारा हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर 2000 से भी कम केस लंबित हैं।

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