भास्कर एक्सक्लूसिव: कांग्रेस छोड़ सकते हैं राष्ट्रीय सचिव राजा राम पाल; भास्कर से बोले- जिनके घरों में ताले लगे होते हैं उनकी बेटियां भी भाग जाती हैं

भास्कर एक्सक्लूसिव: कांग्रेस छोड़ सकते हैं राष्ट्रीय सचिव राजा राम पाल; भास्कर से बोले- जिनके घरों में ताले लगे होते हैं उनकी बेटियां भी भाग जाती हैं

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  • Rajaram Said… No One Can Stop Anyone From Changing The Party, Whose Daughters Also Run Away In Whose Houses The Locks Are Closed From Inside…!

कानपुर9 मिनट पहलेलेखक: दिलीप सिंह

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भास्कर एक्सक्लूसिव: कांग्रेस छोड़ सकते हैं राष्ट्रीय सचिव राजा राम पाल; भास्कर से बोले- जिनके घरों में ताले लगे होते हैं उनकी बेटियां भी भाग जाती हैं

विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव, पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता और पूर्व सांसद राजाराम पाल ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। ‘दैनिक भास्कर’ ने जब पार्टी छोड़ने को लेकर सवाल किया तो बोले, ‘जिसको जाना है उसे कोई रोक नहीं सकता। जिनके घरों में अंदर से ताले लगे होते हैं उनकी बेटियां भी चाबी बनवाकर रात में भाग जाती हैं। मैं तो फिर भी कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भाजपा नेताओं के कंधे पर हाथ डालकर घूमता हूं और अखिलेश यादव से मेरे अच्छे संबंध हैं।’

राजाराम पाल का ये बयान यूपी की सियासत में बड़ा हलचल पैदा करने वाला है। कुछ दिन से वह पार्टी से लगातार दूरियां बनाते हुए दिख रहे थे। रविवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे।

OBC वोटबैंक के लिए सपा ने ऑफर की राज्यसभा सीट
सूत्रों के अनुसार राजाराम पाल को सपा ने राज्यसभा की सीट तक ऑफर कर दी है। अगर वह सपा जॉइन करते हैं तो उन्हें राज्यसभा भेजकर विधानसभा चुनाव में गैर यादव ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश करेगी। यूपी में 40% ओबीसी वोटर्स हैं। हालांकि, बताया जाता है कि राजाराम BJP के नेताओं के संपर्क में भी हैं।

नोटकांड में फंसे थे राजाराम, बसपा से शुरू की थी राजनीति

  • बर्रा-2 कानपुर में रहने वाले साधारण परिवार में जन्में राजाराम पाल 1996 में बीएसपी में शामिल हुए और विधायक चुने गए।
  • 2004 में अकबरपुर से पहली बार सांसद बने, फिर 2005 में स्टिंग ऑपरेशन में लोकसभा में पैसे लेकर प्रश्न पूछने पर फंसगए थे।
  • इसके बाद बीएसपी ने पार्टी से निकाल दिया तो कांग्रेस में शामिल हो गए।
  • कांग्रेस की टिकट पर 2009 में अकबरपुर से फिर सांसद बने और 2014 में हार गए।

कानपुर से ही सपा ने पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आगाज किया
आने वाले चुनाव में पिछड़ों के वोटों में पैठ बनाने की तेज होती होड़ में समाजवादी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। सपा एक ओर पिछड़ी जातियों के सम्मेलनों का सिलसिला तेज कर दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अपने दूसरे चरण में 9 अगस्त से कानपुर से सम्मेलनों की शुरुआत कर दी है। पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजपाल कश्यप अगस्त क्रान्ति दिवस से विभिन्न जिलों में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। कानपुर नगर के बाद 11 अगस्त को झांसी, 12 अगस्त को महोबा, 13 अगस्त को हमीरपुर, 14 अगस्त को कानपुर ग्रामीण में आयोजन होंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलन 10 अगस्त को फूलन देवी के जन्मदिवस पर उसके गांव में होगा।

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