भारत-चीन के बीच 12वें दौर की बातचीत: दोनों देशों के बीच कोर कमांडर लेवल की मीटिंग 31 जुलाई को; गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग से सेना पीछे हटाने पर चर्चा होगी
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नई दिल्ली24 मिनट पहलेलेखक: हेमंत अत्री
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तनाव के दौरान दोनों सेनाओं ने बॉर्डर पर टैंक समेत दूसरे भारी हथियार तैनात कर दिए थे। डिसएंगेजमेंट के तहत इन्हें पीछे कर लिया गया है। (फाइल फोटो)
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चल रहे तनाव को खत्म करने के लिए भारत-चीन के मिलिट्री ऑफिसर्स की 12वें दौर की बैठक 31 जुलाई को होगी। चीन ने पहले 26 जुलाई को बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने कारगिल विजय दिवस की वजह से मीटिंग को किसी और दिन करने की मांग की थी।
भारत का फोकस गोगरा, हॉट स्प्रिंग और देसपांग में 900 किलोमीटर इलाके में जारी तनाव को खत्म करने पर है। भारत चाहता है कि यहां पिछले साल की स्थिति बहाल की जाए, लेकिन चीन इसके लिए तैयार नहीं है। भारत गोगरा और हॉट स्प्रिंग में सभी मुद्दों को तत्काल हल करना चाहता है, क्योंकि देपसांग पर आम सहमति बनने में समय लग सकता है।
डेमचोक में चीनी नागरिक रह रहे
चीनी सेना ने अब पूर्वी लद्धाख में डेमचोक के चारदिंग नाला इलाके के भारतीय क्षेत्रों टेंट लगा लिए है। यहां कथित तौर पर चीनी सिविलियन भी रह रहे हैं और कई बार कहने के बावजूद भी वे यहां से जाने को तैयार नहीं हैं।
अब तक 11 राउंड की बैठकें हो चुकीं
इससे पहले हुई 11 बैठकों में पूर्वी लद्दाख में उत्तरी और दक्षिणी पैगॉन्ग लेक इलाके में डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी थी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, इन इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बाद दोनों देशों की सेना अपनी-अपनी परमानेंट पोस्ट तक पहुंच गए हैं।
अब तक हुए समझौते की 7 बड़ी बातें
भारत-चीन मिलिट्री डिसएंगेजमेंट के लिए राजी हुए हैं। मिलिट्री डिसएंगेजमेंट यानी अब तक आमने-सामने रहीं दो देशों की सेनाओं का किसी तय इलाके से पीछे हटना। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में इसके बारे में जानकारी दी थी। उनके मुताबिक, डिसएंगेजमेंट के लिए ये 7 फैसले हुए…
- दोनों देश फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट हटाएंगे। यानी दोनों देशों की जो टुकड़ियां, अब तक एक-दूसरे के बेहद करीब तैनात थीं, वहां से पीछे हटेंगी।
- चीन अपनी टुकड़ियों को पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ बैंक में फिंगर-8 के पूर्व की तरफ रखेगा।
- भारत अपनी टुकड़ियों को फिंगर-3 के पास परमानेंट थनसिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।
- पैंगॉन्ग लेक से डिसएंगेजमेंट के 48 घंटे के अंदर सीनियर कमांडर स्तर की बातचीत होगी और बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाएगा। (डिसएंगेजमेंट 10 फरवरी से शुरू हुआ)
- लेक के नॉर्थ बैंक की तरह साउथ बैंक में भी डिसएंगेजमेंट होगा। (कब से होगा ये अभी नहीं बताया गया है।)
- अप्रैल 2020 से दोनों देशों ने पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जो भी कंस्ट्रक्शन किए हैं, उन्हें हटाया जाएगा और पहले की स्थिति कायम की जाएगी।
- दोनों देश नॉर्थ बैंक पर पेट्रोलिंग को फिलहाल रोक देंगे। पेट्रोलिंग जैसी मिलिट्री गतिविधियां तभी शुरू होंगी, जब बातचीत से कोई समझौता बन जाएगा।
कई महीनों से आमने-सामने थे सैनिक
गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के रिश्ते खराब चल रहे हैं। दोनों की सेनाएं भारी हथियारों और हजारों सैनिकों के साथ आमने-सामने हैं। भारत ने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी तीनों के खतरनाक कमांडो इस इलाके में तैनात कर रखे हैं। फाइटर जेट कई महीने से लगातार उड़ान भर रहे हैं। लंबी तैनाती के हिसाब से भारत ने रसद समेत दूसरा जरूरी सामान पहले ही पहुंचा दिया था।
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