भारत को मिला रूसी कवच: एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की पहली खेप भारत पहुंची, पाकिस्तान और चीन से सटी सीमा पर होगी तैनाती

भारत को मिला रूसी कवच: एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की पहली खेप भारत पहुंची, पाकिस्तान और चीन से सटी सीमा पर होगी तैनाती

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • The First Regiment Of Air Defence System S 400 Reached India, Will Be Deployed On The Border With Pakistan And China

35 मिनट पहले

रूस में बने ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की पहली खेप भारत पहुंच गई है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के हाल में हुए भारत दौरे के दौरान इसकी सप्लाई जल्द करने का भरोसा दिया गया था। अगले साल इसकी दूसरी खेप भी आ सकती है। भारत को ऐसी कुल 5 यूनिट मिलेंगी। चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को एस-400 की बहुत जरूरत थी। हालांकि अमेरिका इस सौदे का शुरुआत से विरोध कर रहा है।

डिफेंस एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस सिस्‍टम को पश्चिमी सीमा के करीब तैनात किया जाएगा। यहां से यह पाकिस्तान और चीन से सटी पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं के खतरों से निपट सकता है। अक्टूबर 2018 में रूस और भारत ने S-400 की सप्लाई को लेकर डील की थी।

दुनिया का सबसे मॉडर्न डिफेंस सिस्टम
दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम माने जाने वाले S-400 से हवा में भारत की ताकत अभेद्य हो जाएगी। ये सिस्टम 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन और एयरक्राफ्ट पर हवा में ही हमला कर सकता है।

40 हजार करोड़ की है पूरी डील
S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है, यानी ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है। ये दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है। इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है और दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है। भारत और रूस के बीच S-400 की 5 यूनिट के लिए 2018 में करीब 40 हजार करोड़ रुपए की डील हुई थी।

इस सिस्टम की खासियत क्या है?

  • S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है। यानी रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
  • इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
  • ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
  • S-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है। एक टारगेट के लिए 2 मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं।
  • S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है। यानी ये 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है। साथ ही यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट पर अटैक कर सकता है।

सर्विलांस रडार से दुश्मन की मिसाइल की तुरंत पहचान
इस डिफेंस सिस्टम में सर्विलांस रडार लगा होता है, जो अपने ऑपरेशनल एरिया के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लेता है। जैसे ही इस घेरे में कोई मिसाइल या दूसरा वेपन एंटर करता है, रडार उसे डिटेक्ट कर लेता है और कमांड व्हीकल को अलर्ट भेज देता है। अलर्ट मिलते ही गाइडेंस रडार टारगेट की पोजिशन पता कर काउंटर अटैक के लिए मिसाइल लॉन्च करता है।

एक साथ 36 टारगेट हिट करने की क्षमता
यह मिसाइल सिस्‍टम एक साथ 36 टारगेट पर निशाना लगा सकता है। इन्हें ट्रकों पर जगह-जगह तैनात किया जाता है और एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। अमेरिका के पास भी इनके मुकाबले वाली कोई मिसाइल नहीं है। ये रूस की बनाई S-200 मिसाइलों और S-300 मिसाइलों का चौथा और ज्यादा मारक वाला वर्जन है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक S-400 दुनिया में मौजूद सभी बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है। इसमें लगा हुआ एडवांस रडार 400 किमी की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है और उसे नष्‍ट कर सकता है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *