भागवत पर ओवैसी का पलटवार: संघ प्रमुख ने कहा था- लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी, AIMIM चीफ ने कहा- ये नफरत हिंदुत्व की देन है
[ad_1]
- Hindi News
- National
- Asaduddin Owaisi Vs Mohan Bhagwat; Lynching | AIMIM President Owaisi Hit Out At RSs Chief Sangh Bhagwat On Hindutva
नई दिल्ली9 मिनट पहले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखिया मोहन भागवत के हिंदुत्व और लिंचिंग से जुड़े बयान पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, ‘RSS के भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है। इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।
भागवत के बयानों पर ओवैसी हमलावर
उन्होंने लिखा, ‘कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है। अखलाक के हत्यारों की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है। आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है। जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?
दिग्विजय ने भी चुटकी ली
इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भागवत के बयान पर टिप्पणी की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह जी और भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें।’
भागवत के इस बयान पर बवाल
दरअसल, भागवत ने रविवार को एक किताब की लॉन्चिंग के दौरान कहा था कि यदि कोई हिंदू कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है, तो वह हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वो हिंदुत्व के खिलाफ हैं। ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सभी भारतीयों का DNA एक है, चाहे वो किसी भी धर्म का हो।
पूर्व PM नरसिम्हा राव के सलाहकार की किताब का विमोचन
संघ प्रमुख ने गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार की किताब ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यावहारिक पहल’ रिलीज की। इस किताब में अयोध्या-बाबरी विवाद पर बड़ा खुलासा किया गया है।
डॉ. ख्वाजा ने लिखा है कि अगर नेता और बुद्धिजीवी सही तरीके से इस पर बातचीत करते तो ये विवाद पहले ही शांत हो गया होता। उन्होंने लिखा है कि अगर बातचीत से इसका समाधान निकलता तो मुसलमानों को बहुत कुछ मिल सकता था। डॉ. इफ्तिखार अयोध्या के राम मंदिर विवाद में बनाई गई अटल हिमायत कमेटी के अहम सदस्य रहे हैं।
क्या-क्या है किताब में ?
- किताब में पिछले 100 साल (1920-2020) के अंदर देश में हुई घटनाओं का जिक्र किया गया है।
- किताब में राम जन्मभूमि विवाद का भी किस्सा है। बताया गया है कि कैसे देश के मुस्लिमों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकारा।
- पूर्व PM राजीव गांधी, पूर्व PM पीवी नरसिम्हा राव के उस वक्त लिए गए फैसलों का उदाहरण दिया गया है।
[ad_2]
Source link