बेअदबी पर 2 महीने में हत्या की दूसरी घटना: सिंघु बॉर्डर के बाद गोल्डन टेंपल में भी ON THE SPOT फैसले से व्यवस्था पर सवाल
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जालंधरएक घंटा पहलेलेखक: सुनील राणा
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नई दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वाले लखबीर की नृशंस हत्या को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि वैसी ही घटना 18 दिसंबर 2021 को पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में सामने आई। गोल्डन टेंपल में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वाले युवक की नाराज संगत ने मौके पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी।
बीते दो महीनों में दूसरी बार बेअदबी के आरोपी को मौके पर ही मार डाला गया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन घटनाओं के पीछे कहीं पंजाब में दो महीने बाद होने वाले चुनाव के मद्देनजर माहौल खराब करने की कोशिश तो नहीं की जा रही? दोनों घटनाओं में On The Spot फैसले के बाद व्यवस्था प भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि तरनतारन जिले के चीमा खुर्द गांव का लखबीर किसान आंदोलन के दौरान सिंघु बॉर्डर पर गया था। उसे दशहरे वाली तड़के, 15 अक्टूबर 2021 को निहंगों ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करते हुए मौके पर पकड़ लिया। इसके बाद निहंगों ने लखबीर के हाथ-पैर काट कर उसकी हत्या कर दी और बॉडी को सड़क किनारे बैरिकेड से लटका दिया।
18 दिसंबर को ऐसी ही घटना अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सामने आई। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, संगत की कतार में शामिल युवक अपनी बारी आने पर सचखंड साहिब के अंदर पहुंचा। उसने अंदर जाकर अचानक पीतल की ग्रिल के ऊपर से छलांग लगाई और ताब्या (श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश स्थान) में पहुंच गया। वहां पहुंचते ही उसने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने सुशोभित श्रीसाहिब (कृपाण) उठा ली। हालांकि सेवादारों ने उसे तुरंत ही पकड़ लिया। इसके बाद उसे सचखंड से बाहर ले जाया गया जहां भीड़ ने पीट-पीट उसे मार डाला।
सिखों को भड़काने की कोई साजिश तो नहीं
ये दोनों मामले लगभग एक जैसे हैं। दोनों में बेअदबी छिपते-छिपाते हुए नहीं बल्कि सबके सामने की गई। लखबीर ने भी अमृत वेले (सुबह जब पाठ का समय होता है) में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की। शनिवार को यूपी के बताए जा रहे युवक ने भी अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सचखंड के भीतर घुसकर वैसी ही गुस्ताखी की।
अमृतसर की घटना के बाद मौके पर व्यवस्था संभालती पुलिस टीम।
दोनों ही मामलों में दोनों व्यक्तियों को पता था कि उनकी गलती की सजा कड़ी और सख्त है। फिर भी उन्होंने ऐसा किया। इससे आशंका पैदा हो रही है कि लगातार ऐसे प्रयास कहीं सिखों को भड़काने की कोशिश तो नहीं है। कहीं पर्दे के पीछे रहकर कोई पंजाब का माहौल को खराब करने की साजिश तो नहीं रच रहा। कुछ दिनों बाद पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे वक्त में हो सकता है कि कोई साजिशन माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा हो। इसके साथ ही व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा हो रहा है कि ऐसी स्थिति क्यों बन रही है।
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