बेअदबी पर पंजाब सरकार का कदम: केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा लेटर; धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों को उम्रकैद वाला कानून मंजूर करें

बेअदबी पर पंजाब सरकार का कदम: केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा लेटर; धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों को उम्रकैद वाला कानून मंजूर करें

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चंडीगढ़4 घंटे पहले

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बेअदबी पर पंजाब सरकार का कदम: केंद्रीय गृह मंत्री को लिखा लेटर; धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों को उम्रकैद वाला कानून मंजूर करें

अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में बेअदबी की कोशिश के बाद पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। गृह मंत्रालय देख रहे डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों को उम्रकैद वाले कानून को मंजूरी दें। यह कानून पंजाब सरकार ने ही पास किए थे। जो राष्ट्रपति ऑफिस में लंबित पड़े हुए हैं।

रंधावा का तर्क है कि 295 और 295A IPC की मौजूदा धाराओं में सिर्फ 3 साल की सजा है। जो बेअदबी की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। पंजाब बॉर्डर स्टेट होने की वजह से भाईचारा बनाकर रखना बेहद जरूरी है। बेअदबी के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को सख्त सजा देनी जरूरी है।

अमृतसर में बेअदबी करने वाले को भड़की भीड़ ने मार दिया था

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IPC और CRPC में किया था संशोधन

रंधावा ने लिखा कि पंजाब विधानसभा ने इंडियन पीनल कोड (IPC) पंजाब संशोधन बिल 2018 और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CRPC) पंजाब संशोधन बिल 2018 पास किया था। जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ श्रीमद भागवत गीता, कुरान और बाइबल की बेअदबी करने पर उम्रकैद तक की सजा की व्यवस्था की गई थी। इन बिलों को पंजाब के राज्यपाल ने 12 अगस्त 2018 को मंजूरी दी थी। इसके बाद अक्टूबर 2018 से यह बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित है।

बेअदबी के विरोध में कपूरथला में इस युवक की हत्या कर दी गई थी

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पंजाब में बड़ा मुद्दा बन रही बेअदबी

रंधावा ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि पंजाब में पवित्र ग्रंथों की बेअदबी एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब को कोई वस्तु नहीं बल्कि सिखों की तरफ से जीवित गुरु माना जाता है। सिख मर्यादा के अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहिब का सत्कार किया जाता है। इसी में यह महसूस हुआ कि मौजूदा कानून सख्ती के लिए पर्याप्त नहीं है।

बादल सरकार में बना था कानून, कैप्टन ने संशोधित किया

यह कानून पहले अकाली-भाजपा सरकार के वक्त बना था। हालांकि उस समय इसमें सिर्फ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को शामिल किया गया था। इस वजह से इसे वापस लौटा दिया गया था। फिर कैप्टन सरकार सत्ता में आई तो 2018 में इसे संशोधित किया गया। इसमें चारों धर्मों के पवित्र ग्रंथों को इसमें शामिल कर लिया गया। बादल सरकार के संशोधन में बेअदबी पर फांसी की सजा रखी थी लेकिन बाद में इसे उम्रकैद में बदल दिया गया।

पढ़िए केंद्रीय गृह मंत्री को भेजा लेटर…

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