बेंगलुरू-चेन्नई में भारी बारिश, बाढ़ के हालात: आंध्र, कर्नाटक और तमिलनाडु बेहाल; 57 मौतें, हाईवे भी डूबे, कर्नाटक समेत 4 राज्यों में 25 नवंबर तक भारी बारिश का अलर्ट

बेंगलुरू-चेन्नई में भारी बारिश, बाढ़ के हालात: आंध्र, कर्नाटक और तमिलनाडु बेहाल; 57 मौतें, हाईवे भी डूबे, कर्नाटक समेत 4 राज्यों में 25 नवंबर तक भारी बारिश का अलर्ट

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बेंगलुरू/ चेन्‍नई44 मिनट पहले

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बेंगलुरू-चेन्नई में भारी बारिश, बाढ़ के हालात: आंध्र, कर्नाटक और तमिलनाडु बेहाल; 57 मौतें, हाईवे भी डूबे, कर्नाटक समेत 4 राज्यों में 25 नवंबर तक भारी बारिश का अलर्ट

​​​​​​चित्तूर, कडपा, नेल्लोर और अनंतपुर जिलों के 1366 गांव बाढ़ में घिरे हैं, 23 डूबे हैं। 36,279 लोग प्रभावित हुए हैं।

कर्नाटक, आंध्र और तमिलनाडु में भारी बारिश के चलते कई शहरों में बाढ़ के हालात हैं। आंध्र में 33 लोगों की जान जा चुकी हैैं, जबकि कर्नाटक में 24 मौतें हुई हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 5 दिनों के दौरान कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में बारिश होगी। 24 और 25 नवंबर को कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है। इससे पहले, कर्नाटक में बेंगलुरू के उत्तरी इलाके में रविवार रात जमकर बारिश हुई। इससे कई इलाकों में पानी भर गया।

24 घंटे में येलहंका में ही 134 एमएम बारिश हुई। बारिश के कारण कर्नाटक में 3.43 लाख हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई है। कुल 1.5 लाख किसान बेहाल हैं। उधर, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के मनाली उपनगर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति है। वहां सड़कों पर नाव चल रही हैं।

आंध्र में 30 साल बाद आपदा

आंध्र में पेन्ना नदी में बाढ़ से अहम राजमार्गों पर यातायात बंद कर दिया है। नेशनल हाईवे-16 का एक हिस्सा टूट गया है। यह हाईवे चेन्नई को कोलकाता से जोड़ता है। रेल मार्ग के प्रभावित होने से 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। 30 साल बाद ये भीषण आपदा है। चित्तूर, कडपा, नेल्लोर और अनंतपुर जिलों के 1366 गांव बाढ़ में घिरे हैं, 23 डूबे हैं। 36,279 लोग प्रभावित हुए हैं।

क्यों बने बाढ़ के हालात
उत्तरी-पूर्वी मानसून के कारण तमिलनाडु में इस बार सामान्य से 68% ज्यादा वर्षा हुई है। सलेम के मेत्तुर बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। यह बांध कावेरी के डेल्टा क्षेत्र में स्थित जिलों की पानी की जरूरत पूरा करता है। विल्लुपुरम में थेनपेन्नाई नदी और कांचीपुरम में पलार में पानी उफान पर हैं।

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