बीड में बंदरों के बदलापुर का अंत: 80 पिल्लों की हत्या में शामिल दो बंदरों को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पकड़ा, तीन महीने से जारी था आतंक

बीड में बंदरों के बदलापुर का अंत: 80 पिल्लों की हत्या में शामिल दो बंदरों को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पकड़ा, तीन महीने से जारी था आतंक

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नई दिल्ली9 मिनट पहले

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बीड में बंदरों के बदलापुर का अंत: 80 पिल्लों की हत्या में शामिल दो बंदरों को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पकड़ा, तीन महीने से जारी था आतंक

महाराष्ट्र के बीड में कुत्तों के 80 पिल्लों की हत्या करने वाले दोनों बंदरों को पकड़ लिया गया है। बीड फॉरेस्ट अफसर सचिन कांड ने इस बारे में जानकारी दी। इससे पहले स्थानीय अधिकारियों ने बताया था कि बंदरों ने पिछले तीन महीने में लगभग 80 पिल्लों को ऊंचाई से फेंक कर मार डाला था। इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब कुछ वक्त पहले कुत्तों ने बंदर के एक बच्चे को मार दिया था। इसके बाद दो बंदरों ने बदला लेने के लिए कुत्तों के 80 पिल्लों को मार दिया था।

पिंजरे में बंद बंदरों को देखते लोग

पिंजरे में बंद बंदरों को देखते लोग

बीड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने बताया- कई पिल्लों की हत्या में शामिल 2 बंदरों को आज नागपुर वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। दोनों बंदरों को नागपुर से लगे जंगल में छोड़ दिया गया। बीड जिले के माजलगांव में बंदरों ने तीन महीने से आतंक मचा रखा था, जिसके बाद ग्रामीणों ने इस बारे में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जानकारी दी।

पिंजरे में बंद पहला बंदर

पिंजरे में बंद पहला बंदर

गांव नहीं बचे कुत्ते के पिल्ले
बंदरों का आतंक माजलगांव से निकलकर आसपास के दूसरे गांवों में भी फैल चुका था। माजलगांव के 10 किलोमीटर दूर लवूल गांव के लोगों ने बताया कि गांव में अब कोई पिल्ला नजर नहीं आता है। वन विभाग ने पहले भी बंदरों को काबू करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी।

पिंजरे में बंद दूसरा बंदर

पिंजरे में बंद दूसरा बंदर

ग्रामीणों पर भी करते थे हमला
एक ग्रामीण ने बताया- बंदर गांव में आकर पिल्लों की तलाश करते थे। अगर उन्हें कोई भी पिल्ला मिल जाता तो वे उसे लेकर पेड़ या इमारत पर चढ़ जाते और नीचे फेंक देते। जब गांव के कुछ लोगों ने पिल्लों को बचाने की कोशिश की तो बंदरों ने उनपर भी हमला कर दिया। इस वजह से बहुत से आम लोग भी घायल हो जाते थे। इसके अलावा स्कूल जाने वाले बच्चे भी बंदरों की वजह से खौफ में थे।

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