बायोएनटेक-फाइजर का टीका ओमिक्रॉन पर असरदार, कंपनी ने बताया कितनी डोज की होगी जरूरत
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ओमिक्रॉन वैरिएंट की देश में दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य विभाग समेत लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं। सभी के जेहन में सवाल है कि क्या वैक्सीन इस नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर है? इस पर बायोएनटेक और फाइजर ने लैब में परीक्षण के बाद दावा किया है कि उनके कोविड-19 वैक्सीन के 3 शॉट नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को बेअसर करने में सक्षम हैं। कंपनी ने बुधवार को कहा कि यदि आवश्यकता पड़े तो वे मार्च 2022 में ओमिक्रॉन से निपटने के लिए मोडिफाइड वैक्सीन उपलब्ध करा सकते हैं।
ओमिक्रॉन के खिलाफ अपनी वैक्सीन के प्रभावीकरण को लेकर बायोएनटेक और फाइजर निर्माताओं ने आधिकारिक बयान में कहा कि टीके की दोनों खुराक एंटीबॉडी को थोड़ा कम विकसित करती हैं लेकिन तीसरी डोज (बूस्टर शॉट) से व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी 25 प्रतिशत और बढ़ जाता है। कुल मिलाकर वैक्सीन के तीसरी डोज लगाते ही शरीर में ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी सक्षम हो जाती है।
फाइजर के मालिक अल्बर्ट बोर्ला ने अपने बयान में कहा कि जिन लोगों ने एक महीने पहले वैक्सीन की बूस्टर शॉट ली थी, उनकी एंटीबॉडी ओमिक्रॉन संक्रमण से लड़ने के लिए सक्षम है। वहीं, दूसरी ओर इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने मंगलवार को अपने अध्ययन में पाया था कि फाइजर और बायोटेक की दो खुराक ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए अपर्याप्त है लेकिन तीसरी डोज के साथ ही उनमें संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।
हालांकि इससे उलट जर्मनी के फ्रैंकफर्ट विश्वविद्यालय ने अस्पताल में एक प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया कि वैक्सीन की दोनों खुराक और बूस्टर शॉट भी ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए असरदार नहीं है।
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