बादल फटने के 3 गवाहों की आपबीती: ऐसा लगा कि अमरनाथ गुफा के पास तेज धमाका हुआ है, किश्तवाड़ में हाल ऐसा था कि घायलों को लेकर 5 किमी पैदल चलना पड़ा
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- It Was Raining Continuously Since Morning, Suddenly There Was A Strong Explosion, When I Came Out I Saw That The Bridge Was Broken, 6 People Have Died.
40 मिनट पहले
कुदरत के कहर ने एक बार फिर से तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बादल फटने से 22 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 लापता हैं। जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के होंजर डच्चन गांव में बादल फटने से काफी बर्बादी हुई है। वहीं, अमरनाथ गुफा के पास भी बादल फटने से BSF, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कैंपों को नुकसान पहुंचा है। हिमाचल के किन्नौर में 25 जुलाई को बादल फटने से 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अब भी लापता हैं।
दैनिक भास्कर ने कश्मीर के किश्तवाड़ और अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना के गवाहों से बातचीत की। हिमाचल के किन्नौर में भी बादल फटने के बाद तबाही के गवाह रहे शख्स से हमारी बात हुई। इन गवाहों की जुबानी पढ़िए आखिर कैसे कुदरत के कहर ने तबाही मचाई।
घायलों को पांच किलोमीटर पैदल स्ट्रेचर पर लेकर जाना पड़ा: बुरहान मीर
बुधवार को किश्तवाड़ में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ और भूस्खलन के कारण इस इलाके में भारी तबाही हुई है। राहत कार्य के लिए यहां सेना बुलाई गई है।
बुधवार को पूरे दिन यहां तेज बारिश हो रही थी। किश्तवाड़ के जिस होंजर गांव में बादल फटा, मैं वहीं पास में था। होंजर गांव में अचानक ऊपर की पहाड़ी से तेज आवाज आने लगी। हम लोग समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है। कुछ ही मिनटों के बाद पानी, पत्थर, लकड़ी और मिट्टी का भारी मलबा पहाड़ी से नीचे गिरते दिखने लगा। मेरी आंखों के सामने कई घर और दुकानें बह गईं। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।
अंधेरा होने की वजह से कोई किसी को देख भी नहीं पा रहा था। बारिश इतनी तेज थी कि बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा था और डर भी लग रहा था। फोन करने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल में नेटवर्क भी नहीं था। लोग बचाव के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं पहुंच पा रहा था। पूरी रात भयावह मंजर जारी रहा। सुबह करीब 3-4 बजे बारिश कम होने के बाद आसपास के गांवों से लोग बचाव के लिए वहां पहुंचे, लेकिन वे भी कीचड़, तेज बारिश और बाढ़ के कारण कुछ ज्यादा नहीं कर पा रहे थे। घंटों तक अफरातफरी के हालात रहे।
बाद में पुलिस और सेना के जवान वहां पहुंचे और राहत-बचाव का काम शुरू किया। जगह-जगह लैंडस्लाइड के कारण घायलों को ले जाना भी मुश्किल था। इस वजह से घायलों को स्ट्रेचर पर लेकर पांच-पांच किमी पैदल चलना पड़ा। उसके बाद एंबुलेंस के जरिए उन्हें किश्तवाड़ ले जाया गया। कितनी तबाही हुई और कितने लोग मारे गए हैं, यह तो दो-तीन दिन के बाद ही पता चल पाएगा।
ऐसा लगा जैसे अमरनाथ गुफा के पास तेज धमाका हुआ है: नजीर अहमद
बुधवार को जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से भारी तबाही मची है। हालांकि किसी की जान जाने की खबर नहीं है।
इस साल अमरनाथ यात्रा नहीं हो रही है, इसलिए गुफा के आसपास सुरक्षाबलों को छोड़कर कोई नहीं था। बारिश एक-दो दिनों से हो ही रही थी, लेकिन बुधवार दोपहर बाद ऐसा महसूस हुआ कि अमरनाथ गुफा के पास कोई तेज धमाका हुआ है। मैं सोनमर्ग में रहता हूं। कुछ ही देर बाद सोनमर्ग के आसपास के इलाकों में पानी का ऐसा सैलाब आया कि लगा सब कुछ बहा ले जाएगा। कुछ देर बाद पता चला कि अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा है और इसी वजह से पानी का स्तर बढ़ा है।
गुफा के पास उस समय CRPF के कुछ जवान और पुलिसकर्मी तैनात थे। उनके कैंप को कुछ नुकसान पहुंचा है, लेकिन गनीमत रही कि वहां किसी की जान नहीं गई। शाम करीब 5 बजे बारिश थमने के बाद अफरातफरी कम हुई, लेकिन बादल फटने से सिंधु नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था और आसपास के लोग काफी डरे हुए थे। लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने को कहा जा रहा था। रात करीब 9 बजे सिंध नदी में पानी का स्तर काफी ज्यादा हो गया, लेकिन एक घंटे बाद पानी का लेवल घटने लगा। सोनमर्ग में बादल फटने से नुकसान हुआ है, लेकिन किश्तवाड़ के मुकाबले यह काफी कम है।
किन्नौर में पहाड़ का हिस्सा टूटा और नदी के पुल पर जा गिरा: योगिराज
हिमाचल के किन्नौर जिले में बादल फटने से 9 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
मैं हिमाचल के किन्नौर जिले के एक होटल में काम करता हूं। मैं लंच कर रहा था। तभी एक तेज धमाका हुआ, मैं भागकर बाहर आ गया। तेज बारिश हो रही था। मैंने देखा कि पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा ही नीचे गिर गया है। ऊपर से पत्थर के भारी टुकड़े नीचे गिर रहे थे। एक बड़ा सा पत्थर बस्पा नदी के ऊपर बने एक पुल पर जा गिरा। पुल एक झटके में टूट गया। यह पुल बस्तेरी गांव को जोड़ता है।
उसके बाद मैं अपने एक दोस्त के साथ पुल के पास पहुंचा। पुल पूरी तरह टूट गया था। वहां पता चला कि बादल फटा है और उसी वजह से कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है। हम वहां से आगे बढ़े कि लोगों की जान बचाई जा सके, लेकिन स्थिति दर्दनाक थी। मेरे सामने ही 6 लाशें निकलीं। एक व्यक्ति को सिर में चोट लगी थी, जिसे हमने रेस्क्यू किया। उसके बाद पुलिस और ITBP के जवान पहुंच गए। बारिश और भारी जलजमाव के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
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