बसवराज बोम्मई होंगे कर्नाटक के नए CM, बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया फैसला
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक (Karnataka) में बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bomma) होंगे। मंगलवार को खुद येदियुरप्पा ने इसका ऐलान किया। शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक में इस्तीफा देने वाले मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा। इस बैठक में बोम्मई को सर्वसम्मति नेता चुना गया है।
Karnataka BJP Legislative Party elected Basavaraj S Bommai as Chief Minister of the State pic.twitter.com/Arrm4PiHTs
— ANI (@ANI) July 27, 2021
जानकारी के अनुसार, बोम्मई कल (28 जुलाई, बुधवार) दोपहर को 3 बजकर 20 मिनट पर पद की शपथ लेंगे। बता दें कि, बीएस येदियुरप्पा ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के दिन सोमवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही कर्नाटक के नए सीएम को लेकर सस्पेंस बना हुआ था।
बसवराज बोले मेहनत पर भरोसा था
कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने पर बसवराज ने कहा कि, मौजूदा स्थिति में ये एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अनुरूप गरीबों के लिए काम करने की कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि, मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी। हालांकि मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा था और मुझे इसका परिणाम मिला।
कौन हैं बसवराज बोम्मई?
बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ था। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक बासवराज बोम्मई ने अपनी शुरुआत टाटा मोटर्स के साथ की थी। वहीं अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी। 61 वर्षीय बसवराज बोम्मई, 1998 और 2004 में धारवाड़ स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे।
लेकिन फरवरी 2008 में वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए। इसके बाद, जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने, तो वे हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए। बसवराज, येदियुरप्पा के बेहद करीबी भी माने जाते हैं। वे , येदियुरप्पा सरकार के दोनों मंत्रिमंडल में मंत्री रहे हैं।
बोम्मई ने कर्नाटक के गृह मंत्री पद के अलावा जल संसाधन और सहकारिता मंत्री के रूप में भी काम किया है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राज्य में सिंचाई मामलों के अपने ज्ञान और असंख्य सिंचाई योजनाओं में योगदान के लिए व्यापक रूप से प्रशंसित, उन्हें हावेरी के शिगगांव में भारत की पहली 100 प्रतिशत पाइप सिंचाई परियोजना को लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है।
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