फेस्टिव सीजन में हवाई सफर महंगा: हाई फ्रीक्वेंसी फ्लाइट रूट पर किराया 45% तक बढ़ा, डेली ट्रैफिक में 70% से ज्यादा की बढ़ोतरी

फेस्टिव सीजन में हवाई सफर महंगा: हाई फ्रीक्वेंसी फ्लाइट रूट पर किराया 45% तक बढ़ा, डेली ट्रैफिक में 70% से ज्यादा की बढ़ोतरी

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

दिवाली से पहले हाई फ्रीक्वेंसी फ्लाइट रूट पर हवाई किराए में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाई डिमांड की वजह से सालाना आधार पर यह बढ़ोतरी 30-45% की है। ट्रैवल पोर्टल ixigo के डेटा के अनुसार, मुंबई-दिल्ली और मुंबई-कोलकाता सहित बुक किए गए टॉप 10 रूट पर एवरेज वन-वे इकोनॉमी क्लास का किराया सालाना आधार पर 30% अधिक है। बेंगलुरु-कोलकाता रूट पर यह 40% और दिल्ली-कोलकाता रूट पर यह बढ़ोतरी 45% से ज्यादा की है।

बेंगलुरु-पटना रूट पर किराया 25% कम
हालांकि दिल्ली-पटना और बेंगलुरु-पटना रूट पर किराया सालाना आधार पर 25% कम है। पिछले साल की तुलना में ट्रेनों की उपलब्धता पटना के लिए किराए में गिरावट का एक कारण हो सकती है। तुलना के लिए उपयोग किया गया किराया दिवाली से 20-25 दिन पहले का है।

लोगों का ट्रैवल कॉन्फिडेंस बढ़ा
एक मीडिया रिपोर्ट में ixigo के को-फाउंडर के हवाले से कहा गया है कि भारत में वैक्सीनेशन के साथ लोगों का ट्रैवल कॉन्फिडेंस बढ़ा है। इससे एडवांस परचेज पैटर्न में बदलाव आया है। 30 दिनों के बाद की यात्रा के लिए अक्टूबर में बुकिंग बढ़ी है। ये प्री प्लान्ड एडवांस परचेज बिहेवियर को दिखाता है। महामारी के समय ज्यादातर लोग यात्रा से ठीक पहले ही टिकट की बुकिंग करा रहे थे।

डेली ट्रैफिक बढ़कर 70-75% हुआ
पिछले साल इसी समय, एयरलाइंस को 70% कैपेसिटी पर ऑपरेट करने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा पिछले नवंबर में, डेली ट्रैफिक महामारी से पहले के समय का 50% भी नहीं था। डेली ट्रैफिक अब बढ़कर 70-75% हो गया है। बढ़ी मांग और सरकार की ओर से फेयर बैंड के अपवर्ड रिविजन से त्योहारी सीजन में किराए में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

17 अक्टूबर को सबसे ज्यादा यात्रियों ने किया सफर
डोमेस्टिक एयरलाइंस में 17 अक्टूबर को 327,923 यात्रियों ने सफर किया। लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को फिर से शुरू हुए एयर ट्रैवल के बाद यह संख्या सबसे ज्यादा है। तेजी से वैक्सीनेशन और यात्रा प्रतिबंधों में मिली ढील की वजह से महीने-दर-महीने आधार पर ट्रैफिक में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

फ्यूल की कीमत में भी बढ़ोतरी
एयरलाइन कंपनियों पर कॉस्ट प्रेशर भी बढ़ा है। इंडस्ट्री के एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, ‘एविएशन टर्बाइन फ्यूल की कीमत साल-दर-साल आधार पर लगभग दोगुनी हो गई है। किराए में बढ़ोतरी इसकी तुलना में काफी कम है।’

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