फेज थ्री का डेटा: कोवैक्सीन से गंभीर लक्षणों का खतरा 93.4 फीसदी कम, नए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% प्रभावी
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43 मिनट पहले
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कोवैक्सीन 60 साल से अधिक उम्र वालों पर 67.8% और युवाओं पर 79.4% प्रभावी है।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के बहुप्रतीक्षित तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़े जारी कर दिए। कंपनी ने शनिवार को बताया, कोवैक्सीन लेने वाले लोगों में संक्रमण का खतरा 77.8% कम है। यह स्तर जनवरी में ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एस्ट्रेजेनेका (कोविशील्ड) के तीसरे चरण के प्रभाव (70.4%) से ज्यादा है।
प्री-प्रिंट सर्वर मेडरिक्सिव पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोवैक्सीन नए डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% प्रभावी है। वहीं, इसे लेने से गंभीर लक्षण का खतरा 93.4% तक कम हो जाता है। कोवैक्सीन 60 साल से अधिक उम्र वालों पर 67.8% और युवाओं पर 79.4% प्रभावी है। इस पहले स्वेदशी टीके को तीसरे चरण के परीक्षण के पहले ही इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी।
सामुदायिक संक्रमण को कम करने में कारगर
- भारत बायोटेक के मुताबिक, कोवैक्सीन सभी वैरिएंट-स्ट्रेन पर कारगर है। फेज-3 का परीक्षण 16 नवंबर, 2020 से 7 जनवरी, 2021 के बीच देश के 25 अस्पतालों में 25,800 वॉलंटियर पर हुआ।
- अध्ययन के दौरान 16,973 नमूनों में 79 वैरिएंट मिले। इनमें 18 वैक्सीन और 61 प्लेसिबो (कृत्रिम डोज) वाले समूह में थे। डेल्टा वैरिएंट के 50 केस में 13 वॉलंटियर वैक्सीन और 37 प्लेसिबो समूह में थे।
- कोवैक्सीन की दूसरी डोज लेने के दो हफ्ते बाद संक्रमित हुए 130 लक्षण वाले मरीजों पर भी अध्ययन।
- टीका लेने वाले और प्लेसीबो कार्यकर्ताओं में प्रतिकूल घटनाएं एक जैसी दिखीं। 12% में सामान्य और 0.5% से कम में गंभीर दुष्प्रभाव दिखे।
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