फुटबॉल पर किक लगातीं सऊदी लड़कियां
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सऊदी अरब ने पिछले कुछ सालों में महिलाओं को लेकर कई सुधार कार्यक्रम शुरू किए हैं. उनमें से एक है लड़कियां का फुटबॉल खेलना.महिला फुटबॉल लीग सोमवार 22 नवंबर से रूढ़िवादी सऊदी अरब में शुरू हो गई. सऊदी लड़कियों और युवतियों के लिए यह एक बड़ा दिन था जिसमें उनका पुराना सपना साकार हो गया.
महिलाओं पर कठोर प्रतिबंधों के लिए लंबे समय से निंदा झेलने वाले सऊदी अरब ने कुछ साल पहले ही महिला फुटबॉलरों पर दशकों पुराना प्रतिबंध हटा लिया था. और अब इसका लक्ष्य एक राष्ट्रीय टीम को बड़े टूर्नामेंटों में खिलाने के लिए पर्याप्त रूप से विकसित करना है.
सऊदी अरब में जहां महिलाओं को बुनियादी स्वतंत्रता के अधिकार भी नहीं मिलते हैं, महिलाओं को खेलों में भाग लेने की अनुमति देना बड़ा बदलाव माना जा रहा है. रूढ़िवादी देश में महिलाओं को फुटबॉल जैसे खेलों में अपने जुनून को पूरा करने और अभिव्यक्ति की आजादी हासिल करने में काफी समय लगा.
सऊदी, महिलाएं और सुधार
फुटबॉल में महिलाओं की भागीदारी और इसके प्रशिक्षण पर दशकों पुराना प्रतिबंध कुछ साल पहले हटा लिया गया था. अब सऊदी अरब न केवल महिला फुटबॉलरों की अपनी राष्ट्रीय टीम बना रहा है, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षित भी करना चाहता है ताकि वे प्रमुख विश्व फुटबॉल आयोजनों में भाग ले सकें.
अति-रूढ़िवादी देश अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड के लिए तीव्र अंतरराष्ट्रीय आलोचना भी झेलता आया है. अब जबकि अरब राजशाही ने फुटबॉल जैसे विश्व खेलों में महिलाओं को सबसे आगे लाने का फैसला कर लिया है, तो कुछ वर्ग इस कदम को सऊदी अरब द्वारा अपने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को मिटाने और उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास बता रहे हैं.
सऊदी अरब पर पश्चिम की ओर से असाधारण दबाव और आलोचना का एक मुख्य कारण सऊदी महिला कार्यकर्ताओं या महिला कार्यकर्ताओं को उनके अधिकारों के लिए कैद करना है.
सऊदी महिला फुटबॉल टीम
सऊदी अरब ने पिछले कुछ सालों में कई सुधार कार्यक्रम शुरू किए हैं, लेकिन इस महीने सऊदी फुटबॉल महासंघ की महिला फुटबॉल लीग की घोषणा को ताजा और सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जाता है. घोषणा में कहा गया है कि 16 महिला फुटबॉल टीमें महिला फुटबॉल लीग में शामिल होंगी. ये टीमें रियाद, जेद्दाह और दम्माम में होने वाले खेलों में हिस्सा लेंगी. कई सऊदी महिलाएं फुटबॉल खिलाड़ी बनने की अनुमति पाकर बहुत खुश हैं.
अपनी खुशी व्यक्त करते हुए फराह जाफरी ने कहा कि उन्हें विश्व कप के सबसे बड़े फुटबॉल मंच पर इंग्लैंड की शीर्ष टीम के साथ-साथ अपने देश में खेलने की उम्मीद है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, “मेरी फुटबॉल यात्रा की शुरुआत में मुझे कुछ कठिनाइयां थीं, सभी ने इसे स्वीकार नहीं किया. मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया”
फुटबॉल से प्यार करने वाली कई अन्य सऊदी लड़कियों की तरह फराह अतीत में फुटबॉल खेलने में असमर्थ रही है. वह स्कूल में अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलती थी. फराह ने कहा कि उनका केवल एक वैकल्पिक शौक है और वह है टेलीविजन पर खेल देखना.
अधिकारियों के मुताबिक फराह जाफरी उन 30 खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें सऊदी फुटबॉल टीम का हिस्सा बनने के लिए 400 उम्मीदवारों में से चुना गया है. फराह कहती हैं, “मैं उस दिन का सपना देख रही हूं जब मैं विश्व कप में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकूंगी”
एए/वीके (एएफपी).
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