प्रियंका गांधी को कविता चोर बताने वाले कवि का इंटरव्यू: पुष्यमित्र बोले- कविता के साथ UP इलेक्शन हैशटैग लगा दुखद… सोशल मीडिया पर फॉलो न करें
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उत्तर प्रदेश23 मिनट पहले
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जिन्ना और जय श्रीराम बोलने वालों को राक्षस बताने वाला मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि फिर से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हालंकि इस बार का मामला कविता को लेकर है।
दरअसल, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को चित्रकूट में महिलाओं को संबोधित करते हुए…उठो द्रोपदी शस्त्र संभालो… कविता सुनाई थी। इस पर कविता के रचयिता पुष्यमित्र उपाध्याय ने आपत्ति जता दी। उन्होंने प्रियंका पर आरोप लगाते हुए कहा कि कविता चोरी करने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?
इस पूरे मसले पर दैनिक भास्कर ने पुष्यमित्र से बात की। पुष्यमित्र उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले हैं। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद समाज शास्त्र से एमए किया है। वे फ्रीलांस लेखन करते हैं। पढ़िए पुष्यमित्र से पूरी बातचीत..
प्रश्न- एक कवि को तो खुश होना चाहिए कि उसकी कविता बड़े मंचों पर बड़े लोग पढ़ रहे हैं, आप क्यों नाराज हो गए?
जवाब- पहले ये समझना होगा कि ये कविता मैंने किस संदर्भ में लिखी थी। दिल्ली में जब निर्भया अंतिम सांसें गिन रही थीं, तब मैंने ये लिखी थी। मैंने कोई राजनीतिक या आर्थिक लाभ लेने के लिए ये नहीं लिखी थी। जब इसका राजनीति के लिए उपयोग हुआ तो मुझे दुख हुआ। उसमें हैशटैग करके पॉलिटिकल पार्टी का नाम लिखा गया।
प्रश्न- प्रियंका ने इसका इस्तेमाल किया इसलिए दुख हुआ या कोई और कारण है?
जवाब- भाजपा हो या कांग्रेस… मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये कविता राजनीति के लिए नहीं है। जो अच्छे मन से इसका इस्तेमाल करता है, उसे मैं अनुमति देता हूं।
प्रश्न- क्या गलती की प्रियंका गांधी ने?
जवाब- कविता के साथ यूपी इलेक्शन टैग किया गया। उसका राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल हुआ। बिना ये जाने कि वो कविता किस मनोभाव के साथ लिखी गई थी। मैंने बड़ी पवित्र भावना से इसे लिखा है। मैं नहीं चाहता कि इसका दुरुपयोग हो।
प्रश्न- सोशल मीडिया पर चल रहा है कि आपने लोकप्रियता के लिए ऐसा किया?
जवाब- बिल्कुल गलत। आप यदि मेरी भावनाओं को समझेंगे तो ऐसा नहीं कहेंगे। मैं तो कहता हूं लोग मुझे सोशल मीडिया पर बिल्कुल फॉलो न करें। मैं लोकप्रिय नहीं होना चाहता। मुझे तो ब्लू टिक भी नहीं मिला है। इससे पहले जब दिग्विजय सिंह ने इस कविता का उपयोग किया था, तब भी मैंने आपत्ति की थी।
प्रश्न- प्रियंका गांधी ने 40% महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने का ऐलान किया है, आप कैसे देखते हैं इसे?
जवाब- ये राजनीतिक विषय है। मैं राजनीति नहीं करना चाहता। मैं तो साधारण इंसान की तरह अपनी बात कहता हूं। लोगों के दर्द को बयां करता हूं।
प्रश्न- आपका वीडियो इंटरव्यू हो सकेगा?
जवाब- वीडियो में बातचीत संभव नहीं है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि मैं एक साधारण इंसान हूं। नौकरी करना चाहता हूं। यदि मैं अभी इस तरह की कंट्रोवर्सी में फंस जाऊंगा तो मुझे कौन सी कंपनी नौकरी देगी।
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