प्रशांत किशोर का कांग्रेस समर्थकों पर तंज: चुनावी रणनीतिकार बोले- लखीमपुर घटना से पार्टी के मजबूत होने की उम्मीद करना बेकार, उसके पास अपनी समस्या का कोई समाधान नहीं
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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लखीमपुर खीरी में 8 अक्टूबर को भड़की हिंसा के बाद सियासत गर्म है। UP चुनाव से पहले राहुल और प्रियंका गांधी की अगुआई में पूरा विपक्ष UP की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर रहा है। इस बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस समर्थकों पर तंज कसा है।
उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि जिन लोगों को उम्मीद है कि लखीमपुर खीरी की घटना से ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP), यानी कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष तुरंत मजबूती से खड़ा हो जाएगा, उन लोगों को निराशा हाथ लगेगी। दुर्भाग्य से GOP की गहरी समस्याओं और इसके ढांचे की कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है।
प्रियंका की दमदार छवि से कांग्रेस समर्थकों में जागी उम्मीद
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा बुधवार देर रात लखीमपुर खीरी पहुंचे। यहां कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की। यहां इन्होंने किसान लवप्रीत (20) के परिवार से मुलाकात की। लवप्रीत के माता-पिता राहुल प्रियंका को देखकर रोने लगे। इसके बाद राहुल-प्रियंका ने लवप्रीत के माता-पिता को ढाढ़स बंधाते हुए अपने सीने से लगा लिया।
इससे पहले घटना के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी के लिए निकली थीं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके बाद प्रियंका को सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया। गेस्ट हाउस में प्रियंका ने झाड़ू लगाकर खुद को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया था।
लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
रविवार, यानी 3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में आरोप है कि किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया।
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है। सरकार और किसानों के बीच समझौता हुआ। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए मुआवजा दिया। एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी का वादा भी किया गया है।
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