पैरालिंपिक में विनोद का पदक वापस, रोहतक में परिवार मायूस: आयोजकों ने डिस्कस थ्रो में रोहतक के पैरा एथलीट की केटेगिरी को बताया गलत, फोन पर परिजनों ने बढ़ाया हौसला तो बोले-मैं हिम्मत हारने वालों में से नहीं
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Haryana
- Rohtak
- Vinod’s Medal Back In Paralympics, Family Disappointed In Rohtak The Organizers Told The Category Of Para Athlete In Discus Throw Wrong
रोहतक12 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पैरा एथलीट विनोद कुमार मेडल जीतने के बाद कुछ इस तरह खुश नजर आए थे।
टोक्यो में भारत के पैरा एथलीट विनोद कुमार का पदक वापस होने से रोहतक में उनका परिवार मायूस है। फैसले के बाद विनोद ने भारी मन से पत्नी अनीता से फोन पर बात की। दोनों ने एक दूसरे को हिम्मत बंधाई।
फोन पर पत्नी से बात करते हुए विनोद ने कहा कि, वह हिम्मत हारने वालों में से नहीं है। उन्होंने BRONZE छीनकर मुझे GOLD जीतने की हिम्मत दी है। वहीं, पत्नी अनीता ने कहा कि अब यह सोचना है कि SILVER और BRONZE मेडल होते ही नहीं हैं, सिर्फ GOLD के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी है। इसके बाद दोनों नॉर्मल हो गए और हंसते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दी।
इसलिए वापस लिया गया पदक
गौरतलब है कि डिस्कस थ्रो में विनोद के मेडल जीतने पर विरोध हुआ था तो आयोजकों ने पदक को होल्ड पर रखा था। सोमवार दोपहर को फैसला आया कि उन्हें पदक नहीं मिलेगा। टोक्यो पैरालंपिक के तकनीकी प्रतिनिधि ने तय किया है कि विनोद कुमार डिस्कस थ्रो के F52 क्लास के लिए योग्य नहीं हैं। क्योंकि विनोद के विकार के क्लासिफिकेशन पर विरोध जताया गया था और अब इसके बाद उनके मेडल पर रोक लग गई है। रविवार को विनोद ने मुकाबले में 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया था। आयोजकों ने बयान जारी किया है कि पैनल ने पाया कि एनपीसी यानी राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति भारतीय एथलीट को स्पोर्ट क्लास आवंटित नहीं कर पाया, जिस कारण उनका क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया। क्योंकि एथलीट पुरुष की एफ 52 डिस्कस थ्रो के लिए आयोग्य है और स्पर्धा में उनका नतीजा अमान्य है।
क्या है एफ 52 कैटेगरी
पैरा खिलाड़ियों को उनके विकार के आधार पर कैटेगरी में रखा जाता है। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतियोगिता मे भाग लेने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक समान हो। एफ 52 कैटेगरी में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं। जैसे एथलीट के हाथों में विकार हो, पैर की लंबाई में अंतर हो, इन्हीं खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने की अनुमति है। साथ ही रीढ़ की हड्डी में भी चोट वाले एथलीट इसमें हिस्सा ले सकते हैं।
पैरालिंपिक में विनोद के मेडल वापस लिए जाने का नोटिफिकेशन।
पत्नी बोली- मेडल बेशक ले लेते पर वर्ग फिक्स रहने देते
विनोद की पत्नी अनीता ने विशेष बातचीत में कहा कि बेशक उनके पति का मेडल ले लेते, लेकिन उनकी कैटेगरी फिक्स रहने देते। पहले एफ 52 वर्ग को फिक्स करवाने के लिए 2017 से मेहनत करनी शुरू की थी, जोकि 2019 में पूरी हुई थी। अब आगामी नेशनल व इंटरनेशनल गेम के लिए इसे फिक्स करवाने के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी। बिना वर्ग जाने किस कैटेगरी के लिए तैयारी करनी है, यह बात हमेशा गेम की तैयारी को डिस्टर्ब करती है।
[ad_2]
Source link