पैंडाेरा पेपर्स की जांच शुरू: मल्टी एजेंसी ग्रुप की बैठक में मंथन; 380 भारतीय नागरिकों और इकाइयाें के नाम
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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पैंडाेरा पेपर्स के संबंध में एमएजी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। उसकी पहली बैठक हाल ही में हुई है। सरकार से छिपाकर विदेशाें में अपनी संपत्ति और निवेश करने के मामले में कई भारतीयाें और उनकी कंपनियाें के नाम इसमें सामने आए हैं। इसकी जांच के लिए सीबीडीटी के प्रमुख जेबी महापात्रा की अध्यक्षता में एमएजी का गठन किया गया। बैठक में ईडी, रिजर्व बैंक और वित्तीय इंटेलीजेंस यूनिट के अधिकारी शामिल हुए।
इस बैठक में तय हुआ है कि खोजी पत्रकारों के समूह द्वारा और नाम जारी किए जाते ही जांच तेज की जाएगी। अब तक 380 भारतीय नागरिकों और भारतीय इकाइयाें के नाम सामने आए हैं। वहीं, कई भारतीयों ने आरोपों को खारिज किया है। पैंडोरा पेपर्स के नाम से लीक हुए करोड़ों दस्तावेज में भारत समेत 91 देशों के वर्तमान एवं पूर्व नेताओं, अफसरों और मशहूर हस्तियों के वित्तीय रहस्यों को उजागर करने का दावा किया गया है।
इन नेटवर्क से सूचनाएं लेने में मिलेगी मदद
इससे पहले एचएसबीसी, पनामा पेपर्स, पैराडाइज पेपर्स की इसी प्रकार की लीक के बाद सरकार ने काले धन, विदेशाें में छिपाई संपत्ति की राेकथाम के सख्त कानून बनाए हैं। पनामा और पैराडाइज पेपर्स के मामलाें में की गई जांच में 20,532 कराेड़ रुपए की अघाेषित संपत्ति का खुलासा हुआ था। भारत का सूचनाओं के आदान-प्रदान काे लेकर 96 देशाें से करार है। ओईसीडी के माध्यम से भी एमएजी संबंधित देशाें से सूचनाएं हासिल कर सकता है। साथ ही सीआरएस की व्यवस्था है। जिसके अंतर्गत वित्तीय संस्थाओं काे सभी ग्राहकाें की टैक्स रेसीडेंसी की पहचान उजागर करनी हाेती है।
14 कंपनियाें की लीक से तैयार हुए हैं पेपर
अमीराें काे प्राेफेशनल सेवाएं देने वाली दुनियाभर की 14 कंपनियों से लीक लगभग एक करोड़ 20 लाख फाइलों की समीक्षा से विश्व के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के उन निवेशों का खुलासा हुआ है, जिन्हें पिछले 25 साल से हवेलियों, समुद्र तट पर छुपाकर रखा गया था।
इमरान खान व पुतिन के नाम भी लाभार्थियों में
गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए नेताओं में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाक पीएम इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सहयोगी शामिल हैं।
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