पेगासस जासूसी मामला: सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को होगी सुनवाई, पिटीशनर्स ने की थी SIT जांच करवाने की मांग
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नई दिल्ली43 मिनट पहले
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पिटीशनर्स की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या मौजूदा जज की अध्यक्षता में गठित SIT से जासूसी मामले की जांच कराई जाए।
पेगासस जासूसी मामले की जांच स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) करेगी या नहीं इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को सुनवाई करेगा। पेगासस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने पिटीशन फाइल की थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अर्जी पर सुनवाई अगले हफ्ते की जाएगी। रविवार को कोर्ट ने सुनवाई के लिए 5 अगस्त की तारीख दी।
पिटीशनर्स की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में पिटीशन मेंशन करते हुए कहा कि इस केस की जल्द सुनवाई की जाए, क्योंकि यह विवाद काफी फैला हुआ है। सिब्बल ने कहा कि देश के नागरिकों, विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों की निगरानी करना उनकी आजादी का हनन है। भारत समेत दुनियाभर में इस मुद्दे की चर्चा है।
सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी की मांग
पिटीशनर्स ने अपील की थी कि पेगासस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या मौजूदा जज की अध्यक्षता में गठित SIT से करवाई जाए। केंद्र को ये बताने के लिए कहा जाए कि क्या सरकार या फिर उसकी किसी एजेंसी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है? क्या पेगासस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया गया?
पिटीशनर्स ने ये भी कहा था कि मिलिट्री ग्रेड के स्पाइवेयर से जासूसी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। पत्रकारों, डॉक्टर्स, वकील, एक्टिविस्ट, मंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं के फोन हैक करना बोलने की आजादी के अधिकार से समझौता करना है। अर्जी में दावा किया गया है कि दुनिया के कई पब्लिकेशंस यह खुलासा कर चुके हैं कि 142 से ज्यादा भारतीय पेगासस के टारगेट पर थे।
इजरायली रक्षा अधिकारियों ने पेगासस के दफ्तर पर छापा मारा
पेगासस जासूसी विवाद के बीच इजरायली रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने जाजूसी सॉफ्टवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी NSO के तेल अवीव स्थित दफ्तर पर बुधवार को छापा मारा। हालांकि बाद में कंपनी ने इसे निरीक्षण बताया। वहीं इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज ने भी फ्रांस दौर पर वहां की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले से पेगासस पर चर्चा की है। इस मीटिंग में गेंट्स ने कहा कि पेगासस से जासूसी के आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं। आरोप है कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की जासूसी के लिए भी हुआ था।
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