पीओके में स्थित शारदा पीठ यात्रा शुरू करने का लक्ष्य: भूमि देने में मुस्लिमों ने की मदद; एलओसी के पास शारदा मंदिर का निर्माण शुरू, शोध होगा

पीओके में स्थित शारदा पीठ यात्रा शुरू करने का लक्ष्य: भूमि देने में मुस्लिमों ने की मदद; एलओसी के पास शारदा मंदिर का निर्माण शुरू, शोध होगा

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कुपवाड़ा21 मिनट पहलेलेखक: हारून रशीद

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पीओके में स्थित शारदा पीठ यात्रा शुरू करने का लक्ष्य: भूमि देने में मुस्लिमों ने की मदद; एलओसी के पास शारदा मंदिर का निर्माण शुरू, शोध होगा

आयोजन में मुस्लिमों ने भी की भागीदारी।

स्थानीय मुसलमानों के साथ मिलकर कश्मीरी पंडितों ने कुपवाड़ा के तीतवाल इलाके में एलओसी के निकट पर एक छोटे से शारदा मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है। शारदा पीठ कश्मीरी पंडितों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है जो कि इस समय पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है। 1947 से पहले तीर्थयात्री तीतवाल के रास्ते ही वहां जाते थे। कश्मीरी पंडित बड़े लंबे समय से यह मांग कर रहे है कि उन्हें पीओके जाने की अनुमति दी जाए।

शारदा पीठ मंदिर की तीर्थयात्रा शुरू करने के लिए अभियान चला रही सेव शारदा कमेटी (एसएससी) ने मंदिर निर्माण के साथ यहां धर्मशाला का निर्माण भी शुरू किया। कश्मीरी पंडितों ने इसे ऐतिहासिक मौका बताया। एसएससी प्रमुख रविंदर पंडिता ने बताया कि तीतवाल में मंदिर निर्माण वाली जगह में पड़ने वाले मार्ग पर वार्षिक छड़ी मुबारक ली जाती थी।

स्थानीय मुस्लिमों की मदद से एसएसी ने भूमि को प्राप्त किया। शिलान्यास समारोह के बाद किशनगंगा नदी पर जीरो लाइन पर बने पुल पर पवित्र जल विसर्जित किया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वक्फ विकास समिति अध्यक्ष दरक्षान अंद्राबी ने मंदिर की आधारशिला रखी। तीतवाल में मंदिर निर्माण के साथ शारदा लिपि और शारदा पीठ के साथ शोध को बढ़ावा देने के लिए एक सेंटर बनेगा।

शिक्षा केंद्र था नीलम नदी के किनारे शारदा पीठ

शारदा पीठ, जो अब शारदा गांव में नीलम नदी के किनारे एक परित्यक्त मंदिर है, कभी एक प्रमुख शिक्षा केंद्र था। इसे दक्षिण एशिया के 18 सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। एक समय ऐसा भी था जब बैसाखी पर कश्मीरी पंडित सहित पूरे भारत से लोग तीर्थाटन करने शारदा पीठ जाते थे।

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