पर्यावरण सुरक्षा पर जागरूक हुए लोग: लॉकडाउन ने समझाई लोगों को पर्यावरण संरक्षण की अहमियत, पिछले 50 सालाें में सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज
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नई दिल्ली16 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार
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पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार सालभर पहले पर्यावरण संबंधी अपराधों को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी थी।
कोरोना महामारी के दौरान संपूर्ण देश में लॉकडाउन था, तो लोगों को पर्यावरण संरक्षण की अहमियत का ज्ञान हुआ और लोग इस दिशा में जागरूक हुए। यही कारण है कि देश में पर्यावरण संबंधी अपराधों के प्रति लोग अब जागरूक हो रहे हैं। इस वजह से देश में पर्यावरण संबंधी कानूनों के उल्लंघन करने संबंधी शिकायतों में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। पर्यावरण जागरूकता का सभी राज्यों में अलग-अलग असर देखने को मिला है।
इस संदर्भ में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके तहत पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन संबंधी शिकायतों में 78.12% की वृद्धि दर्ज की गई है जो 50 वर्षों में सबसे अधिक है। पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार सालभर पहले पर्यावरण संबंधी अपराधों को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी थी। लॉकडाउन में पर्यावरण अपराध संबंधी शिकायतों में भारी उछाल आया।
पर्यावरण अपराध के तहत ध्वनि प्रदूषण करने, वन एवं वन्य जीवन को नुकसान पहुंचाने, वायु व जल प्रदूषण, सिगरेट व तंबाकू का इस्तेमाल व पर्यावरण को किसी भी तरीके से नुकसान पहुंचाने के अपराध शामिल हैं। 2019 में पर्यावरण संबंधी अपराध की शिकायतें जहां 34,676 थी, वहीं, लॉकडाउन के दौरान बढ़कर 61,767 हो गई।
पर्यावरण-प्रदूषण संबंधी अपराध की सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज
जागरूकता में यूपी अव्वल, राजस्थान दूसरा
वन, वन्य जीव, पर्यावरण और प्रदूषण संबंधी मामलों में दर्ज शिकायतों के आधार पर देश में सबसे अधिक जागरूक उत्तरप्रदेश के लोग हैं। दूसरे नंबर पर राजस्थान के लोग आते हैं।
किस कानून के तहत किस राज्य में सबसे अधिक शिकायतें दर्ज की गई
- द फोरेस्ट एक्ट एंड फोरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट: यह कानून वन क्षेत्र के संरक्षण से संबंधित है। इस कानून के तहत वर्ष 2020 में सबसे अधिक शिकायतें यूपी में 1317 दर्ज की गई। जबकि दूसरे स्थान पर राजस्थान में 308 शिकायतें दर्ज की गई।
- द वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट- यह वन्य जीवों के संरक्षण से संबंधित कानून है। इस कानून के तहत वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश में 185 और दूसरे नंबर पर राजस्थान में 151 दर्ज की गई। कार्रवाई भी हुई।
- द एन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट- इस कानून के तहत सबसे अधिक शिकायतें यूपी में 841 दर्ज की गई हैं। जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र में 55 दर्ज की गई हैं।
- द एयर एंड वाटर पॉल्यूशन एक्ट- इस कानून के तहत यूपी में सर्वाधिक 526 शिकायतें दर्ज की गई हैं। जबकि दूसरे नंबर पर राजस्थान में 29 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
- द सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट एक्ट- इसके तहत सबसे अधिक शिकायतें तमिलनाडु में 42731 दर्ज की गई। केरल में 1766 शिकायतें दर्ज की गई।
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