पढ़ाना था एक खास स्कूल में: दिल्ली के रईस ने दोहरा दी ‘हिंदी मीडियम’ फिल्म की कहानी, हाई कोर्ट से लेनी पड़ी जमानत

पढ़ाना था एक खास स्कूल में: दिल्ली के रईस ने दोहरा दी ‘हिंदी मीडियम’ फिल्म की कहानी, हाई कोर्ट से लेनी पड़ी जमानत

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नई दिल्ली34 मिनट पहले

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पढ़ाना था एक खास स्कूल में: दिल्ली के रईस ने दोहरा दी ‘हिंदी मीडियम’ फिल्म की कहानी, हाई कोर्ट से लेनी पड़ी जमानत

दिल्ली में एक अमीर पिता को अपने बच्चे का एडमिशन एक खास हाईप्रोफाइल स्कूल में कराने की कोशिश ने उसे जेल जाने के करीब पहुंचा दिया। पिता ने बॉलीवुड फिल्म “हिंदी मीडियम” की तर्ज पर अपने बच्चे को गरीब दिखाकर इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) कोटा के तहत एडमिशन दिला दिया, लेकिन पोल खुलने पर निजी स्कूल ने एफआईआर दर्ज करा दी। नतीजतन पिता को अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जहां से उसे फिलहाल राहत मिल गई है।

बेटे के नाम से लेकर सारे कागजात तक बनाए नकली

  • आरोपी ने अपने बेटे को 2019 में दिलाया था नर्सरी क्लास में एडमिशन
  • ईडब्ल्यूएस कोटा के तहत एडमिशन दिलाने को बदला बेटे का नाम
  • पिता के नाम वाले कॉलम में भी अपनी जगह दूसरे का नाम भर दिया
  • नकली पते समेत अन्य कागजात भी नकली बनाकर जमा कराए

बेटे ने ही खोल दी पूरे मामले की पोल
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे घोटाले की पोल बच्चे ने ही खोल दी। बच्चे ने बार-बार दूसरे बच्चों को अपना असली नाम बताते हुए उसी नाम से पुकारने की जिद की और अपने पेरेंट्स के भी असली नाम बता दिए।

जांच में पाया गया कि बच्चे को मोटरसाइकिल पर स्कूल से लेने वाला कथित पिता उसे थोड़ी दूर जाकर एक पार्किंग में खड़ी बेहद महंगी कार में बैठाता था और दिल्ली के पॉश एरिया में उसके असली घर छोड़कर आता था।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस ईडब्ल्यूएस एडमिशन फ्रॉड के कारण एक असली गरीब बच्चा उस नामी स्कूल में एडमिशन से चूक गया, जिसमें अपने बच्चे पढ़ाना देश की ब्यूरोक्रेसी के अफसरों की भी पहली पसंद होता है। आरोपी ने यह सब तब किया, जबकि उसका बेटा पहले ही एक अन्य नामी निजी स्कूल में पढ़ रहा था।

जज ने कहा, आरोपी के गवाहों को बरगलाने की उम्मीद नहीं
आरोपी ने हाईकोर्ट में जस्टिस अनु मल्होत्रा की पीठ के सामने अग्रिम जमानत की गुहार लगाई। जस्टिस मल्होत्रा ने कहा, इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि आरोपी अभियोजन के गवाहों को बरगलाकर न्याय से बचने की कोशिश करेगा। उसके खिलाफ लगाई गई धाराओं में सजा का फैसला ट्रायल के बाद ही होगा।

इसके बाद जस्टिस मल्होत्रा ने आरोपी को गिरफ्तार किए जाने की सूरत में उसे एक लाख रुपये के निजी बांड पर जमानत पर छोड़ दिए जाने का आदेश दिया। साथ ही आरोपी को भी अपना मोबाइल फोन ऑन रखने और जांच अधिकारी के साथ हमेशा अपनी लोकेशन गूगल मैप पर शेयर करने का निर्देश दिया।

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