पंजाब में स्कूल एजुकेशन पर सियासी जंग: पंजाब के CM चन्नी के विधानसभा हलके के स्कूलों में पहुंचे दिल्ली के डिप्टी CM, सरकार ने बंद कराए गेट
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चंडीगढ़एक घंटा पहलेलेखक: मनीष शर्मा
पंजाब में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में स्कूली एजुकेशन को लेकर सियासी घमासान मच गया है। बुधवार को दिल्ली के डिप्टी CM और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया अचानक रोपड़ जिले में पहुंच गए। उन्होंने यहां पंजाब के CM चरणजीत चन्नी के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब के सरकारी स्कूलों का जायजा लेना शुरू कर दिया। सिसोदिया ने इन स्कूलों की हालत का लाइव टेलीकास्ट भी सोशल मीडिया पर कर दिया।
मनीष सिसोदिया के दौरे का पता चलते ही पंजाब के शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों की पोल खुलते देखकर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के जरिए रोपड़ के सभी सरकारी स्कूलों के मेन गेट बंद करा दिए गए। स्कूल प्रमुखों को भेजे गए मौखिक आदेश में कहा गया कि स्कूल में किसी बाहरी व्यक्ति को न घुसने दें। यहां तक कि मीडिया को भी किसी तरह की कवरेज न करने दें। सिर्फ पंजाब सरकार या एजुकेशन विभाग से कोई आए, तो उसे ही आईकार्ड देखकर अंदर आने की इजाजत दी जाए।
उधर, आम आदमी पार्टी ने रोपड़ के जिला शिक्षा अधिकारी के इस मौखिक आदेश की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया पर जारी कर दी। इसमें रोपड़ (रूपनगर) के जिला शिक्षा अफसर राजकुमार खोसला किसी को भी स्कूल में न घुसने देने के लिए कह रहे हैं।
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आम आदमी पार्टी द्वारा जारी की गई कॉल रिकॉर्डिंग।
सिसोदिया बोले – एक टीचर 5वीं क्लास तक पढ़ा रहीं
मनीष सिसोदिया ने कहा कि वह CM चन्नी के गांव मकरौना कलां में है। यहां नर्सरी से लेकर 5वीं तक का सरकारी स्कूल है। इन सभी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक टीचर है, जिसका वेतन 6 हजार है। पंचायत ने एक पंचायत सहायक लगा रखा है। अगर हम इसे नंबर वन कहेंगे तो यह बच्चों के भविष्य के साथ मजाक है।
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स्कूल का बदहाल टॉयलेट।
सिसोदिया ने कहा कि इतनी कम सैलरी में सिर्फ एक टीचर बच्चों को पढ़ा रही है तो वह उन्हें सैल्यूट करते हैं। सारे कमरों में जाले लगे हुए हैं। फर्नीचर टूटे हुए हैं। स्मार्ट क्लासरूम के नाम पर सिर्फ टीवी लगा है, जिसका स्विच ही गायब है। कंप्यूटर कोने में पड़े हैं।
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रोपड़ जिले के सरकारी स्कूल में चूल्हे पर मिड-डे मील पकाते वर्कर।
परगट सिंह की मजबूरी समझ आ गई
सिसोदिया ने दिल्ली और पंजाब के एजुकेशन मॉडल की डिबेट को लेकर पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के शिक्षा मंत्री की मजबूरी समझता हूं कि उन्होंने 250 स्कूलों की लिस्ट क्यों नहीं दी। ऐसे स्कूलों की वह क्या लिस्ट देते।
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केजरीवाल भी पीछे नहीं रहे
मनीष सिसोदिया के स्कूलों में जाने के वीडियो पर आप संयोजक और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल भी पीछे नहीं रहे। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। चन्नी कहते हैं कि पंजाब के स्कूल सबसे अच्छे हैं। इसका मतलब उनकी इन्हें ठीक करने की कोई मंशा नहीं है। सरकारी स्कूलों को 70 साल से खराब रखा गया। अब ऐसा नहीं होगा। आप पंजाब के बच्चों को दिल्ली जैसी शानदार शिक्षा देगी।
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अरविंद केजरीवाल ने अमृतसर में टीचरों को गारंटी दी तो यह घमासान शुरू हुआ।
टीचरों की गारंटी से शुरू हुआ घमासान
पंजाब में शिक्षा पर घमासान अमृतसर में अरविंद केजरीवाल के टीचरों को गारंटी देने के बाद हुआ। पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने केजरीवाल को कहा कि पंजाब ने स्कूल एजुकेशन के नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स (NPGI) में टॉप किया है। दिल्ली के मुकाबले पंजाब पढ़ाई से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक में पहले नंबर पर रहा है। इसके बाद सिसोदिया ने परगट को 10 स्कूलों पर खुली बहस की चुनौती दी। परगट ने 250 स्कूलों पर बहस की बात कही। इसके बाद सिसोदिया ने दिल्ली में लिस्ट जारी कर दी। हालांकि परगट ने कहा कि यह अधूरी लिस्ट है, मैंने वहां टीचरों की गिनती, दाखिला, रिजल्ट समेत नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेडिंग के हिसाब से ब्योरा मांगा था।
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सिसोदिया ने परगट सिंह को लिस्ट जारी करते हुए दिल्ली के स्कूलों यह उपलब्धियां बताई थी।
सिसोदिया ने कहा था- परगट भागे, अब CM चन्नी दें लिस्ट
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के लिस्ट जारी करने के बाद परगट सिंह ने कहा कि यह सही लिस्ट नहीं है। उन्होंने पूरी जानकारी मांगी थी। इसके बाद सिसोदिया ने कहा कि पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह मैदान छोड़ भाग गए हैं। अब CM चरणजीत चन्नी आकर 250 स्कूलों की लिस्ट जारी करें ताकि दिल्ली और पंजाब के स्कूलों की तुलना कर सकें। हालांकि CM चन्नी की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो बुधवार को वह खुद स्कूल देखने के लिए पहुंच गए।
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लिस्ट जारी करने को लेकर परगट और सिसोदिया में यह तर्क हुए थे।
केजरीवाल ने टीचरों को यह दी थी 8 गारंटी
पंजाब दौरे पर अमृतसर पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने शिक्षकों को 8 गारंटी दी थी। जिसमें पंजाब के शिक्षकों के लिए शिक्षा प्रणाली को बदलने, कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे टीचरों को पक्का करने, ट्रांसफर पॉलिसी बदलने, सभी पद भरने, विदेश से ट्रेनिंग दिलवाने, समय पर प्रमोशन, कैशलेस मेडिकल सुविधा के साथ टीचरों से कोई गैर शिक्षण कार्य न लेना शामिल है। जिसके बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री का यह जवाब आया है।
दिल्ली और पंजाब का मुकाबला नहीं हो सकता : परगट सिंह
इस मामले में परगट सिंह ने कहा कि पंजाब में लगभग 19 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। दिल्ली एक म्यूनिसपैलिटी चला रहे हैं। पंजाब की इससे तुलना नहीं की जा सकती। दिल्ली के 1060 स्कूलों में से 760 में प्रिंसिपल की पोस्ट खाली है। दिल्ली में 41% टीचिंग स्टाफ के पद खाली हैं।
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