पंजाब में अब 38.49% हिंदू वोट बैंक पर दांव: सुखबीर बादल और नवजोत सिद्धू के बाद अरविंद केजरीवाल भी मंदिर में माथा टेकेंगे; अनुसूचित जाति कार्ड कांग्रेस ने फेल किया
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Punjab
- Jalandhar
- Now Bet On 38.49% Hindu Vote Bank In Punjab, Congress Fails SC Card; After Sukhbir And Sidhu, Kejriwal Will Also Bow His Head In The Temple.
जालंधर2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पंजाब चुनाव 2022 से पहले राजनीतिक दलों के सियासी दांव-पेंच शुरू हो गए हैं। करीब एक महीना पहले सबका फोकस अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर था। अचानक कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को CM बनाकर इसे फेल कर दिया। इसके बाद अब सियासत का पहिया हिंदू वोट बैंक की तरफ घूम गया है। पंजाब में 38.49 प्रतिशत हिंदू वोट बैंक हैं। जिसके लिए अब कांग्रेस और अकाली दल के बाद आम आदमी पार्टी भी दांव खेलने लगी है। सुखबीर बादल और नवजोत सिद्धू मंदिरों में माथा टेक चुके हैं। अब AAP सुप्रीमो दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल भी जालंधर के श्री देवी तलाब मंदिर में माथा टेकने आ रहे हैं।
नवरात्रि पर घर में पूजा करते नवजोत सिद्धू।
अनुसूचित जाति से शुरू हुआ था दांव
पंजाब के इतिहास में कभी अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री नहीं बना था। प्रदेश की सियासत में हमेशा जट्ट सिख ही काबिज रहे। इस बार यह आवाज उठी कि पंजाब में अनुसूचित जाति को सिर्फ मंत्रीपद तक ही सीमित रखा जाता है। जबकि करीब 31.94% आबादी अनुसूचित जाति की है। BJP ने इसकी शुरुआत की कि सरकार बनी तो अनुसूचित जाति का CM बनाएंगे। पंजाब में 5 साल बाद सरकार बनाने के लिए छटपटा रहे अकाली प्रधान सुखबीर बादल ने अनुसूचित जाति का डिप्टी सीएम बनाने की घोषणा कर दी। AAP कहती रही कि हमने विधानसभा में विपक्ष का नेता ही अनुसूचित जाति से बनाया है। इसी पर सियासत तेज हो रही थी।
कैप्टन को हटाने के बाद कांग्रेस ने चरणजीत चन्नी को CM बनाया।
कांग्रेस ने ऐसे फेल किया दांव
पंजाब में जब अनुसूचित जाति को लेकर सियासी माहौल गर्म था तो अचानक कांग्रेस में बगावत हो गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटा दिया गया। फिर हिंदू और जट्ट सिख चेहरे से होते हुए बात अनुसूचित जाति तक पहुंची और चरणजीत चन्नी सीएम बन गए। इससे कांग्रेस ने सबका मुद्दा छीन लिया कि वे अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को मुख्यमंत्री बनाएंगे। लेकिन कांग्रेस ने पहले ही मुख्यमंत्री बनाकर इतिहास रच दिया।
माता चिंतपूर्णी मंदिर में माथा टेकते सुखबीर बादल।
कांग्रेस के लिए राह मुश्किल भी
हिंदू वोट बैंक को लेकर कांग्रेस के लिए राह मुश्किल भी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई के बाद कांग्रेस हिंदू चेहरे पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ को CM बनाना चाहती थी। इसका कांग्रेसी विधायकों ने विरोध कर दिया कि पंजाब में सिख फेस ही होना चाहिए। इसके बाद जाखड़ का सोशल मीडिया पर दर्द भी छलकता रहा। अब वे संगठन से नाराज चल रहे हैं।
मां वैष्णो देवी में माथा टेकने पहुंचे नवजोत सिद्धू।
सुखबीर और सिद्धू पहले मंदिरों में जा चुके
शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल पहले हिमाचल प्रदेश के चिंतपूर्णी माता मंदिर में गए। इसके बाद जालंधर में श्री देवी तलाब मंदिर में आए। वहीं नवजोत सिद्धू मां वैष्णो देवी मंदिर गए थे। सिद्धू ने उससे पहले घर में भी नवरात्रि की पूजा की। इसकी तस्वीरें भी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए शेयर की।
कैप्टन अमरिंदर सिंह।
अहम इसलिए…. कैप्टन की चुनौती और अकाली-भाजपा गठबंधन की टूट
पंजाब में हिंदू वोट बैंक के लिए मारामारी की सियासी वजहें भी हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के ऐसे नेता था, जिनके नाम पर शहरों में कांग्रेस को सपोर्ट मिलता रहा। हिंदुओं के मन में यह तसल्ली रहती है कि कैप्टन के वक्त सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की घटनाएं नहीं होती। अब कैप्टन कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। अगर वे नई पार्टी बनाते हैं तो यह वोट बैंक वहां जा सकता है।
दूसरा कारण अकाली-भाजपा गठबंधन की टूट का है। पहले भाजपा के बहाने अकाली दल को भी हिंदू वोट बैंक मिल जाते थे। इस बार अकाली दल भी चिंतित है, क्योंकि उनकी छवि पंजाब में सिख पार्टी की है। इसी वजह से सुखबीर बादल हिंदू डिप्टी सीएम बनाने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि उनके इस दांव को कांग्रेस एक जट्टसिख और एक हिंदू डिप्टी सीएम बनाकर फेल कर चुकी है।
अरविंद केजरीवाल जालंधर के श्री देवी तलाब मंदिर में आ रहे हैं।
[ad_2]
Source link