पंजाब के सीएम चन्नी का भांगड़ा: PTU में स्टेज पर डाली लुड्डी, रोजगार मेले में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे सीएम; भीम राव अंबेडकर म्यूजियम का नींव पत्थर रखा
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लुधियाना3 मिनट पहले
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समागम में संबोधित करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी।
पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) कपूरथला में प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का एक नया रूप देखने को मिला। यहां उनके स्वागत में रंगारंग कार्यक्रम किया गया। जैसे ही भांगड़ा डालने के लिए युवा स्टेज पर आए तो चरणजीत सिंह चन्नी खुद को नहीं रोक पाए और स्टेज पर स्टूडेंट्स के साथ पंजाब का लोक नृत्य भंगड़ा करते हुए लुड्डी और धमाल डालते हुए नजर आए। भांगड़ा डालने के बाद सीएम ने भांगड़ा डाल रहे सभी युवाओं को गले लगाया। इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ फोटो भी खिचवाई है। सीएम यहां पर करवाए गए प्रदेश स्तरीय रोजगार मेले के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आए थे। उन्होंने यहां भीम राव अंबेडकर म्यूजियम बनाने का भी नींव पत्थर रखा। इस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने संबोधन में स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने की नसीहत दी।
भंगड़ा टीम के साथ फोटो खिंचवाते हुए चरणजीत सिंह चन्नी।
सीएस ने कम की अपनी सिक्योरिटी
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी सिक्योरिटी में कमी कर दी है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि जब उनकी ओर से सिक्योरिटी कम की तो सीआईडी ने सुरक्षा का हवाला दिया था और उन्होंने कहा कि इसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने छात्रों से कहा आगे बढ़ने के निष्ठा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमेश पढ़ते रहना जरूरी है। इसी से तरक्की मिलती है। चन्नी ने बताया कि एक समय ऐसा था कि एक बार टिकट बांटने की मीटिंग थी और उसी दिन मेरी परीक्षा थी। राहुल गांधी ने उन्हें अपना जहाज दिया और वह परीक्षा देकर वापस लौटे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से हम बहुत से युवाओं को नौकरी दी है और एक लाख और नौकरियां मुहैया करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आईआईएम के साथ मिलकर बाबा भीमराव अंबेडकर के नाम पर इंसटीट्यूट आफ मैनेजमेंट कालेज बनाया जाएगा।
नवजोत सिद्धू की गैरहाजिरी, कई सांसद और विधायक रहे हाजिर
आज चरणजीत सिंह चन्नी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू नहीं थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार था कि नवजोत सिंह सिद्धू उनके साथ प्रोग्राम में नहीं थे। आज उनके साथ सांसद जसवीर सिंह डिंपा, राणा गुरजीत सिंह, मुहम्मद सद्दीक, चौधरी संतोख सिंह, राज कुमार वेरका आदि मौजूद रहे। इस दौरान राणा गुरजीत सोढी ने मेडिकल कालेज बनाने की मांग शुरू की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने तुरंत मान लिया।
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